अमरावती

बारिश के बाद अब चिकन पॉक्स होने का खतरा

अमरावती-दि.21 इस समय बारिश का मौसम अपने वापसी के सफर पर है. इस दौरान चिकनपॉक्स नामक संक्रामक बीमारी के फैलने का खतरा काफी अधिक होता है. अमूमन यह बीमारी पांच से दस वर्ष आयुगुटवाले छोटे बच्चों को होती है. ऐसे में इस समय अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों के स्वास्थ्य की ओर काफी अधिक ध्यान देने की जरूरत है. इसके साथ ही बडी उम्र के लोगों को भी चिकन पॉक्स होने का खतरा होता है.
* संसर्गजन्य बीमारी है चिकन पॉक्स
उल्लेखनीय है कि, चिकनपॉक्स एक संसर्गजन्य बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति तक फैल सकती है. इसके साथ ही एक बार चिकन पॉक्स की बीमारी होने के बाद इसके दुबारा होने का प्रमाण बेहद कम है. फिर भी चिकनपॉक्स के संक्रमित बच्चे से अन्य बच्चों को दूर रखना, संक्रमित बच्चे के कपडे अलग से धोना बेहद जरूरी होता है, एक तरह से संक्रमित बच्चे को होम आयसोलेशन में रखा जाना चाहिए.

* क्या है लक्षण
चिकन पॉक्स की बीमारी में पूरे शरीर पर लाल रंग की छोटी-छोटी पुंशियां आती है. जिसकी वजह से बच्चों को बूखार भी होता है. चिकन पॉक्सवाली पुंशियों की शुरूआत छाती के बीचोंबीच से होती है. ऐसे में छाती पर लाल रंग की पुंशियां दिखाई देते ही जिसे गंभीरता से लिये जाने की जरूरत है.

* क्या है उपाय
चिकन पॉक्स का संक्रमण न फैले इस हेतु बच्चों का आपसी संपर्क टाला जाना चाहिए. साथ ही चिकनपॉक्स के लक्षण दिखाई देते ही त्वचारोग तज्ञ व बालरोग तज्ञ से तुरंत मिलना चाहिए. इसके अलावा चिकन पॉक्स होने से पहले ही प्रतिबंधात्मक टीकाकरण करना बेहद जरूरी है.

* बच्चों के बीमार होते ही बालरोग तज्ञ से मिले
यदि छोटे बच्चों में चिकन पॉक्स की बीमारी के लक्षण दिखाई देते है, तो तत्काल ही बालरोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है. साथ ही बच्चे में कभी इस बीमारी का संक्रमण न हो, इस बात के मद्देनजर बच्चे को पहले ही प्रतिबंधात्मक टीका लगाया जाना चाहिए.

* क्या कहते है विशेषज्ञ
चिकन पॉक्स नामक संक्रामक बीमारी अक्सर छोटे बच्चों में दिखाई देती है. ऐसे में शरीर पर पुंशियां दिखाई देते ही तुरंत त्वचा रोग विशेषज्ञ से मिलकर सलाह लेनी चाहिए, ताकि समय रहते आवश्यक उपाय शुरू किये जा सके.
– डॉ. पल्लवी पवार
त्वचारोग विशेषज्ञ

छोटे बच्चों की तरह वयस्कों में भी चिकन पॉक्स की बीमारी होने का खतरा होता है. ऐसे में बीमारी होने से पहले ही इसका प्रतिबंधात्मक टीका लगाया जाना चाहिए. वहीं यदि किसी व्यक्ति को एक बार यह बीमारी हो चुकी है, तो उसे दोबारा चिकन पॉक्स की बीमारी होने का खतरा नहीं होता.
– डॉ. ऋषिकेश नागलकर
बालरोग विशेषज्ञ

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