सरकारी नौकरी में कंत्राटी व परप्रांतीय आदिवासीयों की घुसखोरी के विरुध्द
अप्रोह का विभागीय आयुक्तालय पर धरना आंदोलन
अमरावती/दि.02– सरकारी कार्यालयों में नौकर भरती कंत्राटीकरण रद्द करने, महाराष्ट्र के मुलनिवासी आदिवासियों में परप्रांतीय व धर्मांतरण किए हुए ुआदिवासी जाती की घुसखोरी को रोकने जैसी विभिन्न मांगों को लेकर आज सोमवार को आर्गनाईजेशन फॉर राईट्स ऑफ हुमन(आफ्रोह) महाराष्ट्र की ओर से राज्य में अमरावती सहित नागपुर, छत्रपती संभाजीनगर, पुणे, कोकण, नाशिक 6 विभागीय आयुक्त कार्यालय पर एक साथ धरना आंदोलन किया गया.
सरकारी नौकरी भरती कंत्राटी पध्दत से निजी कंपनियों के मार्फत किए जाने के नियम के विरोध में व अनु.जमाती के कर्मचारियों के विविध प्रलंबित प्रश्न के लिए 2 अक्टुबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 5 बजे तक सभी 6 विभागीय कार्यालय के सामने धरना आंदोलन किया. धरना दे रहे आंदोलनकारियों की मांग थी कि सरकारी कार्यालय में निजी नौकर भरती को कंत्राटी करण रद्द करें, महाराष्ट्र के मुलनिवासी आदिवासी में परप्रांतीय व धर्मांतरण करने वाले जाती की घुसखोरी बंद करें, राज्य के 45 में से 10 से 12 आदिवासी जमाती ने घुसखोरी कर आरक्षण का फायदा लिया है. उनकी उच्च स्तरीय चौकशी करें. हर वर्ष अनु.जमाती के चुनाव क्षेत्र में ओटीएसपी की लोकसंख्या के प्रमाण के अनुसार रोटेशन पध्दती से आरक्षण दे.जैसी अनेक मांगो को सामने रखा. इस समय अफ्रोह राजाध्यक्ष शिवानंद सहारकर, कार्याध्यक्ष राजेश सोनपरोते, डॉ. दिपक केदार, एड. प्रा. देवराव नंदनवार, रुपेश पाल, डॉ. अनंत पाटील, कोषाध्यक्ष मनीष पंचगाम, एड.अनिल ढोले, जिलाध्यक्ष यशवंत वरुडकर, निलीमा केदार आदि उपस्थित थे.