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भिडे के बयान को लेकर फिर मचा हडकंप

डॉक्टरों ने जताया असंतोष व संताप

अमरावती/दि.1– हमेशा ही उलूल-जुलूल बयान देकर चर्चा एवं विवादों में बने रहने वाले शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्थान के संस्थापक अध्यक्ष संभाजीराव भिडे उर्फ भिडे गुरुजी ने कल अमरावती दौरे के दौरान एक बार फिर एक बेहद ही विवादास्पद बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा कि, कोरोना कोई बीमारी नहीं है. बल्कि एक तरह का नाटक व ढोंग है. जिसके इलाज के लिए डॉक्टरों के पास नहीं जाना चाहिए. क्योंकि डॉक्टरों द्बारा कोरोना के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है. ऐसे डॉक्टरों की तो पकडकर पीटाई करनी चाहिए. इस बयान को लेकर अमरावती के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा जगत में मानों हडकंप मच गया है और इस बयान का हर स्तर पर जमकर निषेध भी हो रहा है. साथ ही कोविड संक्रमण की तीन लहरों के दौरान अपने प्राण की बाजी लगाकर एक-एक मरीज की जान बचाने वाले डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों में इस बयान को लेकर जबर्दस्त रोष व संताप की लहर देखी जा रही है.
बता दें कि, गत रोज राजापेठ रेल्वे उडानपुल का नामकरण करने हेतु भाजपा द्बारा शिव हिंदुस्थान प्रतिष्ठान के संस्थापक अध्यक्ष संभाजी भिडे गुरुजी को अमरावती आमंत्रित किया गया था. इससे पहले संभाजी भिडे ने मुधोलकर पेठ परिसर स्थित ओसवाल भवन में शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्थान के धारकरियों को छत्रपति शिवाजी महाराज व धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन चरित्र पर मार्गदर्शन किया. यह मार्गदर्शन करते समय संभाजी भिडे को एक धारकरी के चेहरे पर मास्क दिखाई दिया. यह देखते ही उन्होंने अपना व्याख्यान रोक दिया और अच्छा खासा भडकते हुए उन्होंने उस कार्यकर्ता को जमकर आडे हाथ लिया. इस समय संभाजी भिडे ने कहा कि, ‘ए कोरोना, मुंह से कपडा हटा, तू डरपोक है क्या, मुंह पर मास्क लगाना कायरता की निशानी है, डॉक्टर क्या बताते है, उस पर ध्यान मत दो, क्योंकि डॉक्टर आम लोगों को लूटते है, ऐसे डॉक्टरों को पकडकर पिटना चाहिए, कोरोना कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक ढोंग हैं, अत: कुछ भी हुआ, तो डॉक्टरों के पास इलाज कराने हेतू नहीं जाना चाहिए.’
उल्लेखनीय है कि, विगत दो वर्षों से देश सहित दुनिया कोविड की महामारी से जूझ रहे है. इस दौरान करोडों लोग इस बीमारी की संक्रमण की चपेट में है और लाखों लोगों की इस संक्रमण की वजह से मौत हुई. संक्रमण की तीनों लहरों के दौरान डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने प्राणों की परवाह किये बिना एक-एक मरीजों की जान बचाने हेतू दिन रात मेहनत की. वहीं दूसरी ओर पुलिस एवं प्रशासन ने कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों को लागू करने के लिए जमकर पसिना बहाया. साथ ही साथ वैज्ञानिकों ने कोविड के महामारी के खिलाफ प्रभावी वैक्सिन खोजने हेतू दिन रात रिसर्च करते हुए वैक्सिन बनाने में सफलता हासिल की और विगत एक वर्ष में पूरी देश में टीकाकरण अभियान चलाते हुए इसे शत प्रतिशत सफल करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर कभी अपने बगीचे के आम खाने से हंड्रेड पर्सेंट बेटा यानि पूत्ररत्न होने की गारंटी देने वाले संभाजी भिडे ने कल अमरावती आकर कह दिया कि, कोरोना कोई बीमारी नहीं बल्कि ढोंग है. जिसकी आड लेकर डॉक्टरों द्बारा मरीजों को लूटा जा रहा है और ऐसे डॉक्टरों की पिटाई की जानी चाहिए. जिसकी वजह से वहां उपस्थित सभी लोग भौचक रह गये. साथ ही साथ इस बयान का वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल होते ही डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों सहित कोविड की महामारी का दंश झेल चुके आम नागरिकों में रोष व संताप की लहर फैल गई. साथ ही अब इस बयान का हर स्तर पर निषेध किया जा रहा है.

* यह तो सीधे सीधे केंद्र व राज्य सरकार पर आरोप लगाना है
एक बडे संगठन के जिम्मेदार पद पर रहने वाले व्यक्ति द्बारा इस तरह का गैर जिम्मेदारण बयान देना बेहद दुर्भाग्यजनक है. साथ ही उन्होंने सभी डॉक्टरों को लेकर जिन वाक्यों का प्रयोग किया है. उससे वैद्यकीय क्षेत्र के लोगों के खिलाफ हिंसा को प्रोत्साहन मिल सकता है. ऐसे लोगों ने यह नहीं भूलना चाहिए कि, यदि वे खुद या उनके विचारों से सहमत लोग भी कभी बीमार होकर दवाखाने में आते है, तो डॉक्टरों द्बारा उन्हें भगाया नहीं जाता. बल्कि अपने गुस्से पर काबू पाते हुए उनका इलाज ही किया जाता है. इसके अलावा अगर संभाजी भिडे कोविड की महामारी को ढोंग बता रहे है, तो इसका मतलब यह है कि, केंद्र एवं राज्य सरकार द्बारा आम नागरिकों को कोविड की बीमारी से बचाने हेतु जो भी कदम उठाये जा रहे है, वह सब भी ढोंग है और सरकारों द्बारा बेवजह ही अरबो खरबों रुपयों का खर्च किया जा रहा है. इस तरह के बयानों को कानूनन अपराध माना जाना चाहिए और खूद सरकार का दायित्व है कि, ऐसे बयान देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. इन सभी डॉक्टर इस बयान का निषेध करते है.
– डॉ. दिनेश ठाकरे, अध्यक्ष, आईएमए, अमरावती.
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* हम उस बयान से सहमत नहीं
गत रोज संभाजी भिडे ने अमरावती में कोविड की बीमारी व डॉक्टरों को लेकर जो बयान दिया है. हम उससे कतई सहमत नहीं है. वैसे भी उन्होंने यह बयान हमारे मंच पर नहीं, बल्कि उनके अपने संगठन के कार्यक्रम में दिया है. जिससे हमारा कोई लेना देना नहीं है. कोविड की महामारी के खिलाफ केंद्र की भाजपा सरकार पूरी तरह से गंभीर है और पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने महामारी को नियंत्रित करने के साथ ही टीकाकरण अभियान को प्रभावी रुप से अमल में लाया है. भाजपा का भिडे के व्यक्तिगत बयान से कोई लेना देना नहीं है.
– किरण पातुरकर, शहराध्यक्ष, भाजपा

* वह उनका अपना निजी बयान
छत्रपति शिवाजी महाराज व छत्रपति संभाजी महाराज के प्रति आस्था व समर्पण को देखते हुए गतरोज धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज उडानपुल के नामकरण अवसर पर संभाजी भिडे गुरुजी को अमरावती आमंत्रित किया गया था. इसके अलावा वे किसी विषय को लेकर व्यक्तिगत तौर पर क्या सोचते है, इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है. वैसे भी उन्होंने उक्त बयान नामकरण समारोह मेें नहीं, बल्कि इससे पहले अपने संगठन के कार्यक्रम में दिया था. साथ ही उन्होंने वह बात अपने एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर कुछ निर्देशित करते हुए कहीं थी. जिससे हम बिल्कुल भी सहमत नहीं है, बल्कि हमारा यह मानना है कि, हम विगत दो वर्षों से कोविड की महामारी से जुझ रहे है और पीएम मोदी के सक्षम नेतृत्व में महामारी को नियंत्रित करने के साथ-साथ हमने टीकाकरण को सफल बनाने में अपनी पूरी ताकद झोंक दी है. यहीं वजह है कि, संक्रमण की तीसरी लहर बिल्कुल भी बेअसर रही.
– चेतन गावंडे, महापौर, अमरावती मनपा

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