अमरावती

शासकीय कर्मचारी पुरानी पेंशन के लिए आक्रमक

विधानभवन पर पैदल पेन्शन मार्च

अमरावती/दि.18 – राज्य शासन की नयी पेन्शन योजना का विरोध करते हुए पुरानी पेन्शन योजना की मांग करते राज्य शासकीय कर्मचारियों ने अब आक्रमक रुख लिया है. पुरानी पेंशन संघर्ष समन्वय समिति ने पुरानी पेन्शन योजना की मांग को लेकर 21 दिसंबर पैदल पेन्शन मार्च पुकारा है. नाशिक-मुंबई महामार्ग पर ग्राम पडघा के विठ्ठर रुख्मिणी मंदिर से शुरु होने वाली पेन्शन मार्च चार दिनों की यात्रा कर विधानभवन पर धड़क देगी. यह जानकारी संघर्ष समिति के संयोजक वितेश खांडेकर ने दी.
राज्य शासन ने 1 नवंबर 2005 से नियुक्त हुए सभी कर्मचारियों की पुरानी पेन्शन बंद कर एनपीएस यह नई पेन्शन योजना शुरु की. इस नई पेन्शन योजना में कर्मचारियों के वेतन से रकम बाजार में विविध कंपनियों में निवेष कर उनमें से कर्मचारियों को पेन्शन देने का नियोजन है. मात्र गत 16 वर्षो के स्वरुप को देखते हुए यह योजना फसाये जाने वाली होकर इसमें से कर्मचारियों को पुरानी पेन्शन की तरह निवृत्ति वेतन न मिलने की बात सामने आयी है. इस समय में मयत या सेवानिवृत्त हुए असंख्य कर्मचारी व उनके परिवारों को पेन्शन से वंचित रहने की बात स्पष्ट हुई है. परिणामस्वरुप भूखमरी की नौबत आयी है. इसलिए 1 नवंबर 2005 से नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेन्शन योजना का लाभ पूर्ववत लागू किया जाये, ऐसी मांग करते हुए राज्य के सभी शासकीय कर्मचारी व अर्धशासकीय कर्मचारियों की संगठनाओं ने पेन्शन मार्च पुकारा है. यह जानकारी शिक्षक समिति के राज्य प्रसिद्धी प्रमुख राजेश सावरकर ने दी है.

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