19 से 23 जनवरी तक अमरावती में कृषि महोत्सव
आयोजन की सफलता के लिए सांसद बोंडे ने दिये निर्देश
अमरावती/ दि.27 – किसानों की आय बढाने, नैसर्गिक खेती को प्रोत्साहन देने, कृषि उपज की मार्केटिंग, कृषि विद्यापीठ के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन, कृषि संबंधित नए-एन तंत्रज्ञान की किसानों को जानकारी देने हेतु आगामी 19 से 23 जनवरी के दौरान सायन्सकोर मैदान पर जिला कृषि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसकी सफलता के लिए कृषि विभाग सहित संबंधित महकमो व्दारा आर्थिक समन्वय साधकर प्रभावी तरीके से नियोजन किया जाए, इस आशय का निर्देश राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे व्दारा गत रोज दिया गया.
जिला कृृषि महोत्सव के नियोजन को लेकर जिलाधीश कार्यालय में पूर्व तैयारी की समीक्षा करने सांसद बोंडे की अध्यक्षता में एक बैठक बुलाई गई. इस बैठक में विभागीय कृषि सहसंचालक किसन मुले, जिला अधिक्षक कृषि अधिकारी अनिल खर्चान, आत्मा की प्रकल्प संचालक अर्चना निस्ताने, दुर्गापुर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. के. पी. सिंह व डॉ. ए. पी. कलस्कर सहित कृषि विभाग व कृषि महाविद्यालय के अधिकारी उपस्थित थे. इस बैठक में सांसद डॉ. बोंडे ने कहा कि, वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व ज्वारी वर्ष के तौर पर मनाया जाएगा. जिसके मद्देनजर किसानों की आय व कृषि उपज को बढाने, उन्हें कृषि संबंधित नए-नए तकनीकी ज्ञान व कृषि पुरक व्यवसायों की जानकारी देने तथा कृषि महोत्सव के सफल नियोजन के लिए कृषि विभाग व्दारा नियोजन समिति स्थापित की जाए, साथ ही जिला प्रशासन व कृषि महकमे व्दारा इस महोत्सव के लिए नाविन्यपूर्ण उपक्रम अंतर्गत निधि का प्रावधान किया गया.
इस बैठक में जानकारी दी गर्ई कि, पांच दिन चलने वाले इस कृषि महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याती प्राप्त कृषि विशेषज्ञ पुरुषोत्तम रुपाला सहित राज्य के कृषिमंत्री व जिला पालकमंत्री उपस्थित रहेंगे. जिनके हाथों इस महोत्सव का उद्घाटन होगा. साथ ही इस महोत्सव में परिसंवाद, डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के विशेषज्ञों के साक्षात्कार, कृषि पर आधारित चर्चासत्र, प्राकृतिक खेती, टिंबक सिंचन, पशु संवर्धन, कृषि उपज का विपनन, कृषि औजार व उपकरण आदि विषयों पर विशेषज्ञों व्दारा मार्गदर्शन किया जाएगा. साथ ही आयोजन स्थल पर कृषि व वनोपज उत्पादन, कृषि औजार यंत्र व उपकरण, कृषि संबंधित नए तकनीकी ज्ञान, कृषि बेैंक, महिला बचत गट, कृषि पुरक व्यवसाय व कृषि विद्यापीठ मार्गदर्शन केंद्र आदि के 200 से अधिक स्टॉल स्थापित किये जाएंगे. इसके अलावा मेलघाट में कुपोषण निर्मुलन हेतु बच्चों के लिए पोषक आहार निर्मिति संदर्भ में आहार विशेषज्ञों के मार्गदर्शन सत्र भी इस महोत्सव में रखे जाए. साथ ही शालेय विद्यार्थियों को जलसंवर्धन, मृदा व कृषि उपज की जानकारी होने हेतु कृषि विषयों पर आधारित निबंध स्पर्धा, चित्रकला स्पर्धा, वक्तृत्व स्पर्धा व रंगोली स्पर्धा तथा महिलाओं के लिए व्यंजनों की पाककला स्पर्धा का आयोजन किया जाए. इसके साथ ही इस महोत्सव में मेलघाट की प्राकृतिक सब्जियों व दक्षिण भारत के व्यंजनों सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम की मेजवानी भी आम जनता के लिए रखी जाए, ऐसा भी सांसद डॉ. अनिल बोंडे व्दारा कहा गया.
इसके अलावा इस समीक्षा बैठक में सांसद अनिल बोंडे ने कहा कि, इस प्रदर्शनी में नाफेड व मडर डेरी से फार्मर प्रोड्युसर आर्गनाजेशन व फेडरेशन आदि के पदाधिकारियों को निमंत्रित करते हुए उनके जरिये कृषि पुरक व्यवसायों के संदर्भ में किसानों को मार्गदर्शन किया जाएगा. मेलघाट परिक्षेत्र में बडे पैमाने पर ज्वार व बाजरे सहित अन्य मोटे अनाज का उत्पादन होता है. मेलघाट के किसानों व्दारा उगाए जाने वाले अनाज को जिला स्तर पर विक्री हेतु अवसर मिले, इस बात के लिए आवश्यक प्रयास किये जाने चाहिए. जिसके तहत आदिवासी किसानों को ग्रो फारेस्ट्री अंतर्गत उनकी जमीनों पर या वनपट्टे पर मनरेगा योजना के तहत महुआ, जामुन, आम, नीबु, सिताफल, बांबु, सहजन, सफेद मुसली व चारोली जैसी फलों व औषधियों सहित अधिक आयुमान रहने वाले वृक्ष लगाने हेतु प्रोत्साहित किया जाए. इस जरिये वनों का संरक्षण व वृधिकरण होगा, साथ ही वनपर्यटन को गति मिलेगी. इससे आदिवासी बंधुओं को आय व रोजगार के स्त्रोत प्राप्त होंगे. इसके साथ ही सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने महोत्सव के सफल आयोजन हेतु सभी संबंधित महकमो को अभी से ही आवश्यक प्रयास में जुट जाने और आपसी समन्वय के साथ काम करने का निर्देश दिया.