
अमरावती/दि.27- बैंकों से फसल लोन हेतु किसानों को दर्जनभर चक्कर लगाने पडते हैं, उसके बाद भी उसमें त्रुटियां निकाली जाती है. जिससे किसानों को कोई चारा न रहने पर साहूकारों की सीढियां चढनी पडती हैं. इस पर उपाय खोजते हुए शासन ने बीच का रास्ता निकाला है. कृषि कर्ज की प्रक्रिया को सरल करते हुए, गांव-गांव में कृषि कर्जमित्र की नियुक्ति की जा रही है. जिससे यह कर्जमित्र किसानों को आवश्यक दस्तावेज एकत्र कर देंगे.
फसल कर्ज के लिए किसान जिला बैंक को वरिर्यता देते हैं. यह बैंक गांव की सोसायटी के माध्यम से कर्ज देती है. किसानों को बैंक का अनापत्ति पत्र, सातबारा और अन्य कागजात तैयार करने होते हैं. जिसमें किसानों का काफी वक्त जाता है. कई बार तो सीजन खत्म हो जाता है. जिससे किसानों को निजी साहूकारों की शरण लेनी पडती है. जिसमें उनका शोषण होता है. कृषि विकास अधिकारी गोपाल देशमुख ने बताया कि, पिछले खरीफ सीजन से यह योजना क्रियान्वित हुई है. गृहविकास विभाग के माध्यम से योजना चल रही है. संबंधित गट विकास अधिकारी कर्जमित्र की नियुक्ति करेंगे. उसे प्रशासकीय मान्यता जरुरी होगी. इससे किसानों को फसल कर्ज लेने में असानी होगी.