तिवसा/ दि. 13- मृग नक्षत्र का आहट लगते ही मौसम में बदलाव देखा जा रहा है. चिलचिलाती धूप से कुछ प्रमाण में राहत मिली है. धूप-छांव का खेल चल रहा है. तहसील में हर ओर खेत मशागत का काम निपटा है.
मशागत का काम निपटने से बारिश के इंतजार में किसानों की नजरे आसमान की ओर टिकी है. इस वर्ष पारंपरिक फसलों को ही प्राथमिकता दी जा रही है, किंतु पिछले साल कपास और सोयाबीन के दाम ने किसानों को संकट में डाल दिया. तथा सीजन अंत में तुवर को अच्छा दाम मिला. पिछले वर्ष अतिवृष्टि व निरंतर बारिश से किसान तुवर का अपेक्षित उत्पादन नहीं ले पाए. जिससे अब इस बार कौनसी फसल लें, इसको लेकर किसानों में संभ्रम दिखाई देता है. नक्षत्र बदलने पर भी अब तक तहसील में बारिश ने दस्तक नहीं दी. जिसके कारण मौसम बदलाव से होने वाले परिणाम को देखते हुए किसान बुआई का साहस करेंगे, ऐसा दिख रहा है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष बीज, रासायनिक खाद में बदल नहीं हुआ.
बारिश मापक जांचे
गत वर्ष बारिश मापक में खराबी आने से वरखेड सर्कल में अतिवृष्टि व निरंतर बारिश ने कहर किया. किसानों को सहायता से वंचित रहना पडा. इसलिए इस बार तो भी बारिश मापक की बारिश से पूर्व जांच करने की मांग वरखेड सर्कल के किसान कर रहे है.
धोखाधडी करनेवालों पर कार्रवाई
नकली बीज और खाद बेचकर किसानों से धोखाधडी करने वाले कृषि सेवा केंद्र का लाइसेंस रद्द किया जाएगा. साथही भारतीय दंड संहिता नुसार धोखाधडी का मामला दर्ज किया जाएगा.
– अनिल कांबले, तहसील कृषि अधिकारी,
तिवसा.