अमरावती

भाउसाहब के पैतृक गांव में जल्द बनेगा कृषि महाविद्यालय

राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने दिया संकेत

  • शिव परिवार में ‘हर्ष’, संस्था की मांग होने जा रही पूर्ण

अमरावती/दि.25 – देश के प्रथम कृषि मंत्री व शिक्षा महर्षि डॉ. पंजाबराव उर्फ भाउसाहब देशमुख के पैतृक गांव ‘पापल’ में जल्द ही कृषि महाविद्यालय स्थापित होगा. इस आशय का संकेत गत रोज खुद राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी द्वारा दिया गया. जिससे शिव परिवार में हर्ष का माहौल देखा जा रहा है. क्योेंकि इस जरिये श्री शिवाजी शिक्षा संस्था की बरसों पुरानी मांग पूर्ण होनेवाली है. बता दें कि, गत रोज महामहिम राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी अमरावती जिले के दौरे पर थे और उन्होंने श्री शिवाजी शिक्षा संस्था द्वारा संचालित श्री शिवाजी कृषि महाविद्यालय की नई प्रशासकीय इमारत का लोकार्पण किया. इस हेतु आयोजीत कार्यक्रम में शामिल होने के बाद राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने डॉ. पंजाबराव देशमुख के पैतृक गांव पापल का दौरा करते हुए भाउसाहब के पैतृक आवास को भी भेंट दी. जहां पर उन्होंने भाउसाहब के परिजनों से आत्मीयतापूर्वक मुलाकात की. साथ ही पापल गांव में श्री शिवाजी शिक्षा संस्था की शाला को भेंट देते हुए प्रस्तावित कृषि महाविद्यालय हेतु नियोजीत स्थान का निरीक्षण भी किया. इस अवसर पर उन्होंने देश के प्रथम कृषि मंत्री के तौर पर डॉ. पंजाबराव देशमुख द्वारा देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने हेतु लिये गये निर्णयों को क्रांतिकारक बताते हुए कहा कि, पापल गांव में कृषि महाविद्यालय की स्थापना करने हेतु वे स्वयं प्रयास करेंगे.
राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी की पापल गांव में भेंट के समय भाउसाहब देशमुख के परिवार की रजनी भीमराव देशमुख, कुसुमताई देशमुख, महेंद्र देशमुख, अनुप्रिता देशमुख व विद्यानंद देशमुख सहित श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख, विधायक प्रताप अडसड, जिलाधीश पवनीत कौर, संस्था के सचिव शेषराव खाडे व कोषाध्यक्ष दिलीप इंगोले आदि उपस्थित थे.

भाउसाहब का भारतरत्न से हो सम्मान

इस अवसर पर श्री शिवाजी संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को निवेदन सौंपा कि, देश के प्रथम कृषि मंत्री डॉ. पंजाबराव देशमुख ने कृषि व शिक्षा क्षेत्र में अतुलनीय काम किया है. उन्होंने जहां एक ओर कृषि मंत्री के तौर पर देश में कृषि क्रांति लायी, वहीं श्री शिवाजी शिक्षा संस्था की स्थापना करते हुए गांव-गांव में स्कुल व कॉलेज की स्थापना की. जिससे बहुजन समाज को शिक्षा की मुख्य धारा में लाया जा सका और आज यह संस्था राज्य की दूसरी बडी शिक्षा संस्था है. अत: भाउसाहब द्वारा किये गये कामों को देखते हुए उन्हें भारतरत्न के अलंकरण से सम्मानित किया जाये.

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