कृषि आयुक्तालय ने फसल बीमा कंपनी को लगाई फटकार
सोयाबीन के लिए मुआवजा नहीं दिया तो होगी कार्रवाई
अमरावती/दि.२ – जिलाधिकारी पवनीत कौर ने नुकसान ग्रस्त सोयाबीन फसल का बीमा कंपनी ने मुआवजा देने के लिए १३ सितंबर को ८० राजस्व मंडल के लिए अधिसूचना निकाली थी. इस अधिसूचना पर कंपनी ने टालमटोल करनेसे कृषि आयुक्तालय ने फसल बीमा कंपनी को फटकार लगाई है. प्रभावित किसानों को अवधि के भीतर मुआवजा नही दिया गया तो कंपनी पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, यह चेतावनी सोमवार को जारी किए पत्र द्वारा दी है. लगातार हुई बारिश और अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन फसल का उत्पादन ५० प्रतिशत तक कम होगा, यह जानकारी जिला फसल नियंत्रण समिति की सभा में निरीक्षण दर्ज किया गया और इसके अनुसार खरीफ सत्र के इस विपरित परिस्थिति के लिए जिलाधिकारी ८० राजस्व मंडल में सोयाबीन फसल को बीमे की रकम कंपनी ने देने के लिए १३ सितंबर को अधिसूचना जारी की. इस पर कंपनी द्वारा १५ सितंबर को आपत्ति जतायी गई. जिसके बाद जिलाधिकारी ने ६ अक्टूबर को यह आपत्ति खारीज की. इसके बाद १२ अक्टूबर को विभागीय कृषि सहसंचालक ने कंपनी को इस संबंध में पत्र देकर सत्र के विपरित हालातों को देखते हुए नुकसान का मुआवजा निश्चित करने को कहा. लेकिन कंपनी द्वारा इस पर अपील न करते हुए टालमटोल की. इसलिए फसल बीमा कंपनी ने निर्धारित अवधि में मुआवजा निश्चित कर प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द वितरित करने के निर्देश कृषि आयुक्तालय के मुख्य सांख्यिक विनयकुमार आपटे ने ३१ अक्टूबर को बीमा कंपनी को दिए है.
अग्रीम देने का प्रावधान
१ जुलाई २०२२ को जारी शासन आदेश के अनुसार सत्र के विपरित हालातों में बाढ, अनियमित बारिश, सूखा आदि संकटों से किसान चिंतित हुए. किसानों के अपेक्षित उत्पादन ५० प्रतिशत से अधिक घटा होगा तो बीमाधारक किसानों को मुआवजे के प्रमाण में २५ प्रतिशत अग्रीम देने का प्रावधान है.
निर्धारित अवधि में अपील नहीं
जिला फसल बीमा नियंत्रण समिति ने ६ अक्टूबर को आपत्ति की पूर्तता करने के बाद कंपनी ने सात दिनों के अंदर राज्यस्तरीय शिकायत निवारण समिति के पास अपील करना आवश्यक था. लेकिन निर्धारित अवधि में फसल बीमा कंपनी द्वारा कार्रवाई नहीं की जाने से कंपनी को मुआवजा देना ही होगा.
कृषि आयुक्तालय के आदेश
सोयाबीन फसल के लिए ८० राजस्व मंडल के लिए निर्गमित अधिसूचना को मानते हुए निर्धारित अवधि में नुकसान का मुआवजा सुनिश्चित कर वितरित किया जाए और इस संबंध में अविलंब रिपोर्ट दी जाए. अन्यथा दंडात्मक गुणात्मक कार्रवाई निश्चित की जाएगी. इस संदर्भ में सिानों की नुकसान संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर पूरी जिम्मेदारी कंपनी की रहेगी.