अमरावतीविदर्भ

कृषि विभाग आपसी समन्वय से काम करें

राज्यमंत्री बच्चू कडू के निर्देश बीमा निकषों में सुधार का देगें प्रस्ताव

प्रतिनिधि/दि.२५.
अमरावती-जिले में संतरा फल फसल बडे पैमाने पर ली जाती है. लेकिन बीमा कंपनियों के निकषों से बीमे का लाभ मिल पाने में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. मौसम पर आधारित फल फसल बीमें का लाभ किसानों को दिलवाने के लिए कृषि विभाग ने बीमा कंपनियों के साथ आपसी समन्वय रखकर काम करना चाहिए. यह निर्देश राज्यमंत्री बच्चू कडू ने दिए है. वे विभागीय आयुक्त कार्यालय में पुर्नरचना मौसम पर आधारित फल फसल बीमा की बैठक में बोल रहे थे. इस समय विभागीय आयुक्त पीयुष सिंग, जिलाधिकारी शैलेश नवाल,विभागीय कृषि संचालक सुभाष नांगरे, जिला अधिक्षक कृषि अधिकारी विजय चव्हाले आदि उपस्थित थे. राज्यमंत्री बच्चू कडू ने कहा कि अमरावती विभाग में संतरा, मौसंबी, अनार, अमरुद और नींबू फल फसल का बीमा निकाला जाता है. अमरावती व आस-पास के परिसर में संतरा फल फसल बडे पैमाने पर ली जाती है. लेकिन बीमे का लाभ दिलवाने के लिए बीमा कंपनियां विविध निकष ठहराते है. इसलिए बीमे को लेकर किसानों से शिकायते मिलती है. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि से नुकसान का मुआवजा तत्काल मिल सके इसके लिए कृषि विभाग ने बीमा कंपनियों से संपर्क साधना चाहिए. ओलावृष्टि से फल फसलों का नुकसान होता है. लेकिन उनका प्रत्यक्ष तौर पर पंचनामा किए बगैर लाभ नहीं मिलता है. इसके अलावा यह पंचनामे ४२ घंंटो के भीतर होना आवश्यक है. इसलिए कृषि और राजस्व विभाग द्वारा किए गए पंचनामा बीमा कंपनियों ने ग्राह्य मानना चाहिए. इसके लिए प्रयास करना जरुरी है. मौसम पर आधारित फल फसल बीमा योजना का लाभ विभाग के किसानों को हो सकता है. परंतु इसके कुछ निकषों में बदलाव करना जरुरी है. बीमे के लाभ के लिए तापमान और बारिश यह महत्वपूर्ण घटक है. बीमे के लाभ के लिए यह दोनो विकल्प पूरक नहीं है. इसलिए इन विकल्पों में सुधारणा करने की जरुरत है. इसके लिए कृषि विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजे जाने चाहिए. फल फसल का नुकसान मार्च में होने पर उनको बीमे का लाभ पाने के लिए जुलाई माह तक इंतजार करना पडता है. फल फसल को लेकर मदद की तीन चरण दिए गए है. लेकिन नुकसान वाले चरण में होने पर किसानों को तत्काल लाभ देने का प्रयास करना जरुरी है. किसानो को सिधे तौर पर फसल बीमे का लाभ मिलना अपेक्षित नहीं होने पर भी विकल्प में बैठने वाले किसानों को लाभ दिलाना जरुरी है. मुख्यत: ओलावृष्टि से होने वाले नुकसान का पंचनामा करना जरुरी होता है. इसलिए राजस्व व कृषि विभाग के पंचनामों को बीमा कंपनियों ने ग्राह्य मानना चाहिए इसके लिए प्रयास करना जरुरी है. इसके अलावा फल फसल बीमें के विकल्पों में कुछ सुधारणा करवाने पर इस संबंध में प्रस्ताव कृषि विभाग को प्रस्तुत करने की जानकारी बच्चू कडू ने दी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button