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मेलघाट में एम्स का नवजात कक्ष

दिवाली बाद देगा सेवा

* बाल मृत्यु रोकने पहल
अमरावती/दि.8 – नागपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ने मेलघाट में बाल मृत्यु रोकने के लिए नवजात कक्ष स्थापित करने की घोषणा की है. एम्स के संचालक डॉ. मनीष श्रीगिरीवार ने बताया कि, अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में मेलघाट के आदिवासी नवजात का उपचार होगा. उसी प्रकार आदिवासियों को भी एम्स के डॉक्टर्स की सेवा-सुविधा मिलेगी. जल्द ही मेलघाट के प्रमुख गांव में एम्स का केंद्र सेवारत होने की जानकारी उन्होंने दी. नागपुर एम्स अब गांव-देहातों में ध्यान दे रहा है. उन्होंने मनोचिकित्सा का विशेष अभियान आरंभ किया है. यहां उल्लेखनीय है कि, मेलघाट में आदिवासी बच्चें कुपोषण के साथ-साथ नीमहकीम के शिकार होते है. अंध विश्वास के कारण बोगस डॉक्टर के उपचार से अनेक मासूमों की जान पर बन आयी है. उसकी रोकथाम के लिए एम्स की पहल काफी कारगर रहने की उम्मीद जताई जा रही. अमरावती के अनेक समाजसेवियों ने मेलघाट में एम्स की सेवाओं का स्वागत किया है. शुक्रवार को ही डीपीसी की बैठक में मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक और उनके सहायक के उपस्थित न रहने का मुद्दा उठाया था. यह भी उल्लेखनीय है कि, अनेक वर्षों से मेलघाट कुपोषण और बालमृत्यु के लिए कुप्रसिद्ध हो रखा है. उच्च न्यायालय ने भी समय-समय पर उपाय-योजना के निर्देश दे रखे हैं.

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