अमरावतीमहाराष्ट्र

वायु प्रदूषण से हेमरेजिक स्ट्रोक का खतरा बढा

न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक वासनकर ने कहा

अमरावती/दि.1-वायु प्रदूषण अब केवल पर्यावरण की समस्या नहीं रही. बल्कि यह सीधे तौर पर हमारे ब्र्रेन के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है. वायु ्र प्रदूषण के कारण बे्रन स्ट्रोक का खतरा बढता है. यह बात आमतौर पर सबको पता है लेकिन हेमरेजिक स्ट्रोक विशेष रूप से वायु प्रदूषण के कारण हो सकता है. ऐसी जानकारी कंसल्टेड न्यूरोलॉजिस्ट और इंटरनल मेडीसीन एक्सपर्ट डॉ. अभिषेक वासनकर ने दी है.
डॉ. वासनकर ने स्पष्ट किया कि हेमरेजिक स्ट्रोक एक न्यूरोलॉजिकल इमरजेंसी है जो ब्रेन की रक्तवाहिनी फटने और उसमें रक्तस्त्राव होने के कारण होता है. इस तरह के स्ट्रोक से होनेवाली मौते और अपंगता की दर काफी अधिक होती है. हालांकि हाई ब्लड प्रेशर और अनुवांशिक कारण इसमें अहम भूमिका निभाते हैं. लेकिन हाल के शोध में यह सामने आया है कि वायु प्रदूषण ब्रेन की रक्तवाहिनियों को नुकसान पहुंचा सकता है. जिसमें स्ट्रोेेक का खतरा बढ जाता है.
हवा में मौजूद बारीक कण (पीएम-2.5) नाइट्रोजन डाइऑक्साईउ (एनओ- 2) और कार्बन मोनोअ‍ॅाक्साइड (सीओ) जैसे प्रदूषक लंबे समय तक शरीर में प्रवेश करते है और रक्त वाहिनियों में सूजन उत्पन्न करते है. यह सूजन ब्लड क्लॉट्स बनने का कारण बनती है. जिससे हेमरेजिक स्ट्रोक का खतरा बढता है. डॉ. वासनकर ने आगे बताया कि यह प्रदूषक न केवल स्ट्रोक बल्कि ब्रेन को लंबे समय तक नुकसान भी पहुंचा सकते है. जिससे न्यूरोडीजेनेरेटिव (ब्रेन की कार्यक्षमता कम होना) बीमारियाेंं का खतरा बढ जाता है.
उनके अनुसार ये प्रदूषक ऑक्सीडेटीव स्ट्रेस और सूजन उत्पन्न करते हैं, जो ब्रेन की उत्पन्न करते हैं, कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं. एक बार यह प्रदूषण रक्त प्रवाह में पहुंच जाए तो वे सीधे ब्रेन तक पहुंचते हैं और ब्रेन के रसायनों के संतुलन को बिगाडते हैं. कोशिकाओं के कार्य को कमजोर करते हैं और बे्रन की क्षमता को तेजी से कम करते हैं.

 

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