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पोषाहार कर्मियों की मांगों हेतु आयटक का जेल भरो आंदोलन

अमरावती/दि.8 – शालेय पोषाहार कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर महाराष्ट्र राज्य शालेय पोषाहार कर्मचारी यूनियन (आयटक) द्वारा आज स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन करने के साथ ही जेल भरो आंदोलन किया गया.
संगठन के राज्य संगठक व जिलाध्यक्ष हिम्मतराव गवई के नेतृत्व में किये गये इस आंदोलन में जिले की सभी तहसीलों से शालेय पोषाहार कर्मचारियों ने हिस्सा लिया. इस समय आयटक संगठन द्वारा जिलाधीश को ज्ञापन सौपते हुए बताया गया कि, शालेय पोषाहार योजनांतर्गत पोषाहार तैयार करने वाले कर्मचारियों को केवल 2500 रुपए का मानधन दिया जाता है. राज्य सरकार के मंत्रिमंडल द्वारा हजार रुपए के माधन वृद्धि का निर्णय लेने के बावजूद भी पोषाहार कर्मचारियों के मानधन में कोई वृद्धि नहीं की गई और इसी अत्यल्प मानधन में पोषाहार कर्मियों को पोषाहार तैयार करने के साथ ही स्कूल खोलने, शाला की देखभाल करने, साफ-सफाई रखने, भोजन के बाद विद्यार्थियों की थालियां धोने से लेकर कई बार शौचालय भी साफ करने पडते है. जबकि अन्य राज्यों में शालेय पोषाहार कर्मियों को 10 हजार से 14 हजार रुपए का मासिक मानधन मिलता है. ऐसे में महाराष्ट्र के पोषाहार कर्मियों के मानधन में भी वृद्धि की जानी चाहिए और पोषाहर कर्मचारियों को चपराशी पद पर नियुक्ति देने के साथ ही उन्हें मई व जुन माह का वेतन भी अदा किया जाना चाहिए. इसके अलावा पोषाहार कर्मियों का सरकार द्वारा जीवन बीमा निकाला जाना चाहिए और उन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद 5 हजार रुपए की मासिक पेंशन दी जानी चाहिए.
अपनी इन्हीं मांगों को लेकर शालेय पोषाहार कर्मचारी यूनियम आयटक द्वारा आज जेल भरो आंदोलन किया गया. जिसमें राज्य संगठक व जिलाध्यक्ष हिम्मतराव गवई, जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र शहाले, जिला सचिव अर्चना भांडवलकर सहित जरिशा बानो शेख वारिस, राजेंद्र बहाले, रमेश गायकवाड, रामराव वाकपांजर, सुरेश मेठे, सुरेश पकडे, आकाश कडू, जामुनलाल व निर्मला सावरकर सहित समूचे जिले भर से शालेय पोषाहार कर्मचारियों द्वारा हिस्सा लिया गया.

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