अजित दादा के पास है पार्टी, मैं अब भी राकांपा मेें
सुलभा खोडके अब भी कांग्रेस में, अगले चुनाव में कांग्रेस की ही प्रत्याशी रहेगी
* राजनीतिक उथल-पुथल व बदले समीकरणों पर बोले संजय खोडके
* अजित पवार के फैसले को ठहराया पूरी तरह से सही, विकास के लिए बताया जरुरी कदम
अमरावती/दि.3 – गत रोज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 54 में से 40 विधायकों ने राकांपा नेता अजित पवार के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए राज्य सरकार का समर्थन करने का निर्णय लिया. जिसका सीधा मतलब है कि, अजित पवार के पास पार्टी के दो तिहाई विधायकों का समर्थन है और बहुमत के आधार पर अजित पवार के नेतृत्व वाले विधायकों का गुट ही असली राकांपा है. साथ ही मैं अब भी राकांपा में प्रदेश उपाध्यक्ष के अपने पद पर कायम हूं. इस आशय की प्रतिक्रिया राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके ने दैनिक अमरावती मंडल के साथ बातचीत में दी.
उल्लेखनीय है कि, गत रोज राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार को समर्थन देने की घोषणा करने के साथ ही उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद अजित पवार ने जब राकांपा नेता प्रफुल पटेल व छगन भुजबल के साथ मिलकर पत्रवार्ता को संबोधित किया था, तो उस समय अजित पवार के ठीक पीछे राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके भी बैठे दिखाई दिए थे. ऐसे में इस वक्त भी मुंबई में मौजूद राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय खोडके से पूरे घटनाक्रम और नये राजनीतिक समीकरण को लेकर जानकारी प्राप्त करने हेतु अमरावती मंडल ने संपर्क किया, तो फोन कॉल पर संजय खोडके ने बताया कि, महाराष्ट्र के विकास को ध्यान में रखते हुए राकांपा नेता अजित पवार द्बारा काफी सोच-समझकर यह फैसला लिया गया है. गत रोज राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल द्बारा मंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार सहित अन्य 8 विधायकों को राकांपा से निष्काशित करने के संदर्भ में की गई घोषणा को लेकर पूछे गए सवाल पर संजय खोडके का कहना रहा कि, पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल कल पूरा दिन अजित पवार के साथ मौजूद थे. प्रफुल्ल पटेल ने अजित पवार की शपथविधी में हिस्सा लेने के साथ ही उनके साथ पत्रवार्ता को भी संबोधित किया. जिसका सीधा मतलब है कि, पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष द्बारा हमारी भूमिका का समर्थन किया जा रहा है और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का पद व अधिकार निश्चित तौर पर प्रदेशाध्यक्ष से ज्यादा बडा होता है. ऐसे मेें जयंत पाटिल की घोषणा की कोई औचित्य और मतलब नहीं है.
इस नये समीकरण के आगामी विधानसभा चुनाव पर पडने वाले असर तथा अमरावती विधानसभा सीट को लेकर खोडके परिवार विशेषकर मौजूदा कांग्रेस विधायक सुलभा खोडके के दावे को लेकर पूछ गए सवाल पर संजय खोडके का कहना रहा कि, अव्वल तो अभी विधानसभा चुनाव होने में काफी वक्त है, ऐसे में फिलहाल आगामी चुनावों और उस समय बनने वाले समीकरणों को लेकर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. जहां तक सुलभा खोडके का सवाल है, तो सुलभा खोडके अब भी कांग्रेस में है और आगामी चुनाव में निश्चित तौर पर एक बार फिर कांग्रेस की ओर से ही प्रत्याशी होंगी. लेकिन संजय खोडके के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था कि, यदि अजित पवार आगामी चुनाव तक भाजपा व शिंदे गुट के साथ बने रहते है. तो उस समय अगर सुलभा खोडके कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडती है, तो वे खुद किस ओर खडे रहेंगे. क्या वे अपनी पत्नी के पक्ष में प्रचार करेंगे या फिर शिंदे गुट, भाजपा व अजित पवार गुट वाली राकांपा की ओर से दिए जाने वाले प्रत्याशी के लिए काम करेंगे. इस सवाल का संजय खोडके का केवल इतना ही कहना रहा कि, अभी इन तमाम बातों पर बात करने का कोई मतलब नहीं है, तब की तब देखी जाएगी.