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विदर्भ में अकोला सबसे ज्यादा ‘हॉट’

तापमान का स्तर पहुंचा 43.9 डिग्री के स्तर पर

* अमरावती सहित ब्रह्मपुरी, गढचिरोली, वर्धा व वाशिम भी गर्म
अमरावती/दि. 1- इसस समय समूचे विदर्भ में सूरज मानो आसमान से आग उगल रहा है. वहीं विदर्भ क्षेत्र में अकोला जिला सबसे अधिक गर्म साबित हो रहा है. जहां पर गतरोज तापमान का स्तर 43.9 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा था. वहीं अकोला के साथ ही अमरावती ब्रह्मपुरी, वर्धा एवं वाशिम जिलो का तापमान भी लगातार उछाल भर रहा है. जिसके चलते हर ओर अधिकतम तापमान इस समय अपने अधिकतम व उच्चतम स्तर पर है.
मौसम विभाग द्वारा तापमान को लेकर दर्ज किए गए आंकडो के लिहाज से अकोला जिला इस समय विदर्भ के सभी 11 जिलो की तुलना में बसे अधिक गर्म साबित हुआ है और अकोला जिले में अप्रैल माह में अधिकतम तापमान को लेकर सभी पुराने रिकार्ड तोड दिए है. वैसे तो मार्च माह से ही अकोला जिले में तापमान गरमाने लगता है और मार्च से मई माह के दौरान 2-4 बार तापमान का स्तर 44 से 45 डिग्री के आसपास जाकर निचे लुढकता है. लेकिन इस बार अकोला में तापमान का स्तर मार्च माह से ही लगातार उपर ही बना हुआ है और गत रोज तो तापमान लगभग 44 डिग्री सेल्सियस के पास जा पहुंचा. लगभघ यही स्थिति अब धीरे-धीरे विदर्भ क्षेत्र के अन्य इलाको में भी बनती दिखाई दे रही है.
उल्लेखनीय है कि तापमान का स्तर 44 डिग्री के आसपास पहुंचते ही कुलर व एसी भी बेअसर साबित हो जाते है. साथ ही दिन में जबरदस्त गर्मी रहने के बाद रात का तापमान भी काफी अधिक रह रहा है. जिसकी वजह से रात के वक्त अच्छी खासी उमस होती है. इन दिनों सुबह 9 बजे के आसपास से ही तेज धूप और गर्मी पडने लगती है और दोपहर में 2 से 3 बजे तक तापमान अपने अधिकतम स्तर पर रहता है. इसके पश्चात अगले 3-4 घंटो के दौरान तापमान का स्तर धीरे-धीरे निचे उतरता है. लेकिन तापमान कम होने के साथ ही उमस बढ़ जाती है. ययही वजह है कि गर्मी के समय कई लोग-बाग विदर्भ से घूमने-फिरने के लिए बाहर चले जाते है और बाहर रहनेवाले लोग हमेशा ही विदर्भ में आना टालते है.

* कहां, कितना तापमान
अकोला       43.9
अमरावती    42.8
ब्रह्मपुरी        42.2
गढचिरोली   42.4
वर्धा            42.5
वाशिम        42.4
गोंदिया        39.0

* समूचा विदर्भ ग्रीष्मलगर की चपेट में
चूंकि इस समय समूते विदर्भ में औसत तापमान की स्थिति 42 डिग्री से अधिक है. इसके चलते विदर्भ क्षेत्र को ग्रीष्मलहर की चपेट में कहा जा सकता है. दोपहर के वक्त पडनेवाली चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी की वजह से लोगो का घरो से बाहर निकलना मुहाल हो गया है तथा बहुत जरूरी होने पर ही लोग-बाग टोपी व दुपट्टे आदि का प्रयोग करते हुए अपने घरो से बाहर निकलने पर जोर दे रहे है. अन्यथा हर कोई दोपहर के वक्त बाहर निकलना टालता ही दिखाई दे रहा है.

* ऐस करें उष्माघात से बचाव
इतने गर्म मौसम में धूप के समय बाहर निकलने पर तीव्र उष्माघात होने का खतरा होता है. जिसे टालने हेतु पतले, ढिलेढाले व सूती कपडो का प्रयोग करना चाहिए तथा प्यास नहीं लगने के बावजूद भी अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए. घर से बाहर निकलते समय गॉगल, टोपी, स्कार्प व छाते का प्रयोग करना चाहिए. तेज धूप के समय कडे श्रम वाले काम टालने चाहिए, शरीर में पानी का प्रमाण कम होने पर निंबू पानी, छांछ, शरबत व ओआरएस का सेवन करना चाहिए. साथ ही कमजोरी, सीर दर्द और लगातार पसीना आने जैसे लक्षण दिखाई देने या चक्कर आने पर डॉक्टरो की सलाह लेनी चाहिए. साथ ही इस मौसम के दौरान गर्भवती महिला मजदूरो और बीमार मजदूरो की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए.
इसके साथ ही पशुधन व पालतू मवेशियों को भी ठंडे स्थान पर रखना चाहिए और उन्हें पीने के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना चाहिए. साथ ही उनके तबेले व शेड का तापमान कम रखने हेतु तमाम आवश्यक कदम उठाने चाहिए.

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