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अकोला-खंडवा ब्रॉडगेज वर्षों से लंबित

कभी जंगल, कभी वन्यजीव की बाधा

* 15 से शुरु होगी अकोट शटल सेवा
अमरावती/अकोला/दि.12 – मध्य रेल्वे अंतर्गत अकोला स्टेशन का नाम भारत भर में आमदनी देने वाले स्टेशन के रुप में होने के बावजूद अनेक सेवाओं से यह क्षेत्र वंचित है. ब्रॉडगेज होने के बावजूद अकोला-पूर्णा मार्ग पर यात्री गाडियों का टोटा है. दिन भर में मुश्किल से 4 यात्री गाडियां यहां से जाती है. उधर अकोट से आगे खंडवा मार्ग के रुपांतरण का कार्य बरसों से वन विभाग की मंजूरी को लेकर अटका हुआ है. इस बीच अकोला-अकोट के दौरान शटल ट्रेन आगामी मंगलवार 15 नवंबर से शुरु हो रही है. हाल ही में इस मार्ग पर मालगाडियां दौडाकर नये बने ब्रॉडगेज मार्ग का परीक्षण पूर्ण किया गया.
* अकोला-खंडवा अटका
अकोला-खंडवा कभी छोटी लाइन के कारण बडा व्यस्त रेलमार्ग था. दक्षिण को जोडने वाली मीनाक्षी और पूर्णा एक्सप्रेस यहां से गुजरती थी. ब्रॉडगेज में रुपांतरण करने के लिए इस मार्ग से छोटी लाइन की गाडियां रोक दी गई. 14 बरस बीत गये. अब तक ब्रॉडगेज का काम अकोट से आगे नहीं बढा है.
* मेलघाट बाघ प्रकल्प
अकोला-खंडवा ब्रॉडगेज को मंजूरी दी गई है. खर्च भी रेल बजट में आवंटित हुआ था. मेलघाट बाघ प्रकल्प से होकर ब्रॉडगेज जाने के कारण उसके विकास में रुकावट आई. जंगल और वन्यजीव प्रेमियों ने इस मार्ग के निर्माण पर ही सवाल उठा दिये. तब से वन महकमें की मंजूरी को लेकर मार्ग का काम अटका पडा है. नहीं तो यहा से सीधे खंडवा और इधर दक्षिण में पूर्णा से यह मार्ग जोडा जाता. यात्रियों को रेल सेवा की सुविधा मिलती.
* अनेक मांगे प्रलंबित
अकोला-पूर्णा ब्रॉडगेज रहने से नांदेड मार्ग और आगे हैदराबाद की कुछ यात्री रेल सेवाएं शुरु और विस्तारीत है. मगर अब भी इस मार्ग पर अधिक यात्री गाडियां नहीं चलने की शिकायत यात्री संघ कर रहे हैं. नांदेड से छुटने वाली ट्रनों को अकोला से छोडे जाने की मांग है. साप्ताहिक सेवा को नियमित करने और स्पेशल के नाम से शुरु ट्रेनें नियमित करने की मांग है. अमरावती-पुणे और अजनी-एलटीटी मुंबई एक्सप्रेस दोबारा शुरु करने के साथ हैदराबाद-नागपुर-इटारसी और नीरज-पुणे-भुसावल मार्ग से साप्ताहिक ट्रेनों को हैदराबाद-अकोला-खंडवा मार्ग से शुरु किया जाना चाहिए.

* 14 वर्षों में हुआ विकास
– अकोला-पूर्णा मार्ग का विद्युतीकरण प्रगती पर
– एक हमसफर, साथ सुपरफास्ट, 9 एक्सप्रेस, 1 पैसेंजर शुरु
– 14 वर्षों में अच्छा रेलगाडियां
– हमसफर सेवा 5 अक्तूबर 2018 से
– दैनंदिन ट्रेनें केवल 4

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