* सहायक स्टेशन मास्टर से लेकर सिपाही तक
अमरावती/ दि. 15-महिलाएं अवसर मिलते ही विविध क्षेत्र में अग्रणी हो रही है. उद्योग हो या कारोबार. बैकिंग हो या रेल स्टेशन संचालन, परिचालन . सभी जगहों पर महिलावर्ग मौका मिलते ही अपने कार्य की छाप छोड रही है. हाल ही में अमरावती संभाग में राज्य पथ परिवहन निगम ने 15 युवतियों को एसटी बस चलाने की जिम्मेदारी दे दी है. रेलवे भी इस दिशा में अग्रसर है. अनेक युवतियां मुंबई लोकल सहित लंबी दूरी की एक्सप्रेस गाडियां चला रही है. लोको पायलट बनी है. जिम्मेदारी निभा रही है. अमरावती के अकोली या कह लीजिए नया अमरावती स्टेशन समूचे प्रांत में महिलाओं द्बारा संचालित स्टेशन बना है. इस स्टेशन पर तैनात संपूर्ण स्टाफ आधी आबादी का प्रतिनिधित्व कर रहा है. जिससे स्टेशन को महिलाओं के प्रिय गुलाबी रंग से रंगा गया है. गुलाबी रोशनी रात्रि में इस स्टेशन की शोभा बढा रही है.
बडनेरा के स्टेशन मास्टर सिन्हा द्बारा दी गई जानकारी के अनुसार यहां चार स्टेशन उप प्रबंधक, 3 आरपीएफ तैनात है. सभी पदों पर महिलाएं काम कर रही है. कुल 12 लोगों का स्टाफ है जो अपनी-अपनी शिफ्ट में दी गई जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है. अकोली स्टेशन कुछ माह पहले टूट फूट के कारण तथा सफाई के अभाव की वजह से चर्चा में आया था. वह काम प्राथमिकता से किए जा रहे हैं. यह भी स्मरण करा दे कि अमरावती- नरखेड रेल लाइन पिछले दशक में पूर्ण हुई. स्टेशन को कार्यान्वित हुए 10 बरस बीते हैं. अभी भी सीमित मात्रा में यात्री ट्रेने इस मार्ग से गुजरती है. किंतु अमरावती से सीधे इंदौर, जयपुर, बैंगलोर जाने के लिए सुविधा हुई हैं. बडी संख्या में यात्री साप्ताहिक और नरखेड- भुसावल पैसेंजर जैसी नित्य रेल सेवा का लाभ ले रहे हैं.