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फिलहाल नहीं हटाया जाएगा आलियाबाद का अतिक्रमण

एड. अशोक जैन ने अदालत से हासिल किया ‘स्टेटस-को’

* मेडिकल कॉलेज की जगह को घेर रखा है ईट भट्टाधारकों ने
* 21 मार्च को अगली सुनवाई पर प्रशासन रखेगा अपनी भूमिका
अमरावती/दि.5 – समिपस्थ कोंडेश्वर मार्ग पर स्थित मौजे आलियाबाद में अमरावती के प्रस्तावित सरकारी मेडिकल कॉलेज हेतु आवंटित की गई जगह पर कई लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है और वहां पर लगभग 8 ईट भट्टे चल रहे है, ऐसे में प्रशासन द्वारा इस अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई नियोजित की गई थी. परंतु प्रशासनिक अमले के आलियाबाद पहुंचने से पहले ही संबंधित ईट भट्टाधारकों ने एड. अशोक जैन के जरिए इस मामले में अदालत से ‘स्टेटस-को’ का आदेश प्राप्त कर लिया है. ऐसे में अब मामले की 21 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई तक प्रशासन द्वारा स्थिति को जस का तस यथावत रखा जाएगा तथा 21 मार्च को होने वाली सुनवाई के समय प्रशासन द्वारा इस मामले को लेकर अपनी भूमिका रखी जाएगी. जिसके उपरान्त अदालती आदेश के अनुरुप आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि, आलियाबाद स्थित मेडिकल कॉलेज के प्रस्तावित निर्माण स्थल पर मौजूद अतिक्रमण को हटाने हेतु जिला प्रशासन के निर्देश पर तहसील प्रशासन द्वारा 2 मार्च की तारीख तय की गई थी. परंतु इससे पहले ही 1 मार्च को अतिक्रमण करने वाले ईट भट्टाधारकों ने अपने वकील एड. अशोक जैन के मार्फत स्थानीय अदालत में पहुंचकर मनाई हुकूम हासिल कर लिया. जिसकी प्रतिलिपी जिलाधीश सहित उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार व पटवारी कार्यालय को कल 4 मार्च को सुपुर्द की गई. ऐसे में प्रशासन द्वारा इस कार्रवाई हेतु की जाने वाली तमाम तैयारियां धरी की धरी रह गई.
इस संदर्भ में तहसीलदार कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक आलियाबाद में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई 2 मार्च को प्रस्तावित की गई थी. लेकिन 3 मार्च को शहर में राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का दौरा तय हुआ. ऐसे में प्रशासन सहित पुलिस महकमा उस दौरे के नियोजन में लग गया. जिसके चलते इस कार्रवाई को मंगलवार अथवा बुधवार को करने का नियोजन किया गया. वहीं इसी दौरान 1 मार्च को ही दूसरे पक्ष द्वारा अदालत जाकर ‘स्टेटस-को’ ऑर्डर प्राप्त कर लिये जाने की जानकारी मिली और कल 4 मार्च को उक्त आदेश की प्रतिलिपी भी प्राप्त हो गई. ऐसे में यह कार्रवाई अब अदालत में होने वाली अगली सुनवाई तक टाल दी गई है और अगली तारीख पर अदालत में क्या होता है, उसके हिसाब से आगे का नियोजन किया जाएगा.
इस मामले में ईट भट्टाधारक दगडचंद सदाशिव गोटवाल (कुंभार), सुरेश तुलाराम मोरवाल (कुंभार), फिरोज नियाज खान, मेहमूद खान राजदार खान, महादेव वरलुजी गोंडाणे (कुंभार), अब्दूल शकीर अब्दूल बशीर, पवन ईश्वर मलिये (कुंभार), अब्दूल वसीम मोहम्मद शफी नामक ईट भट्टाधारकों द्वारा अदालत में प्रशासन की प्रस्तावित अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.

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