* अगले दिन शहर में भडका था दंगा
अमरावती /दि.9- वर्ष 2021 में शुक्रवार 12 नवंबर को मुस्लिम समूदाय द्बारा त्रिपुरा की एक कथित घटना का निषेध करने हेतु विशालकाय मोर्चा निकाला गया था. जो पठान चौक से निकलकर जिलाधीश कार्यालय तक पहुंचा था. मोर्चे के दौरान कुछ लोगों ने जाते समय चित्रा चौक और वापिस आते समय दीपक चौक पर पत्थरबाजी व तोडफोड की थी. पश्चात अगले दिन अमरावती शहर में जातिय दंगा भडक गया था. ऐसे में मोर्चे के आयोजक लोगों व संगठनों के खिलाफ स्थानीय सिटी कोतवाली पुलिस थाने में अपराधिक मामला दर्ज किया गया था. जिस पर हुई सुनवाई के बाद आज स्थानीय अदालत ने उक्त मोर्चे के सभी आयोजकों और मोर्चे में शामिल लोगों को धार्मिक भावनाएं भडकाने व शहर में कानून व व्यवस्था की स्थिति को बिगाडने के आरोप से बाइज्जत बरी कर दिया.
बता दें कि, 12 नवंबर को अमरावती शहर में बिना अनुमति मोर्चा निकालने तथा शहर का माहौल बिगाडने के मामले को लेकर शेख मुजाहिद शेख अलाउद्दीन, अरबाज खान फिरोज खान, शेख मोहसीन शेख कदीर, सैय्यद रहमान सैय्यद रफीक, शेख फईम शेख सलीम, शाकीर खान जाकीर खान, शेख शारिक शेख मुसा, शेख रहमत शेख इनायत, मोहम्मद अख्तर मोहम्मद युसूफ, शेख परवेज शेख खैरु, मोहम्मद मुजीबुर रहमान खान, वहीद खान बादर खान, वाजिद खान हसन खान, इमदादा खान अब्दूल कदीर, मो. इमरान मो. याकूब, मो. मुज्जम्मिल रजा, मो. खालिद मो. मुस्ताक, आरिफ हुसैन मुनाफ हुसैन, मो. असलम भारती, मो. अलीम पटेल, मो. शोएब मो. अनवर, मो. सरफुद्दीन अब्दूल लतीफ, शेख हमीद शेख हनीफ के खिलाफ भादंवि की धारा 341, 143, 147, 149, 447, 188, 269, 270, 271, 291, 505 (ब) व मपोका की धारा 135 के तहत अपराधिक मामला दर्ज किया गया था. इसके उपरान्त मामले की जांच करते हुए स्थानीय अदालत में चार्जशीट पेश की गई. जहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाह प्रस्तूत किए गए. पश्चात दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए गवाहों व सबूतों को खारिज करते हुए बचाव पक्ष की दलीलों को ग्राह्य माना तथा सभी 23 आरोपियों को दोषमुक्त करार देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया.
इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से एड. शोएब खान, एड. शब्बीर हुसैन, एड. परवेज खान, एड. नौशिक, एड. शाजेब, एड. इरफान व एड. मयूर ने सफल युक्तिवाद किया.
12 नवंबर 2021 को उलेमाए शहर अमरावती तथा शहर के कुछ सामाजिक संगठनों द्बारा अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से मोर्चा निकालते हुए जिलाधीश कार्यालय जाकर निवेदन सौंपा गया था. लेकिन इसके बाद कुछ गलत फहमियां पैदा होने की वजह से हम सभी 23 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए दोषारोप पत्र दायर किया गया था. लेकिन आज कोर्ट में सुनवाई के बाद हम सभी को बाइज्जत बरी कर दिया है. इसके लिए हम सभी अपने वकीलों और अदालत के प्रति बेहद शुक्रगुजार है.
– आरिफ हुसैन मुनाफ हुसैन,
समाजसेवक