चांदुर रेलवे के बहुचर्चित अमोल काकडे हत्याकांड के सभी आरोपी बरी
अमरावती जिला व सत्र न्यायालय का फैसला
* एड. परवेज खान की सफल पैरवी
अमरावती /दि. 2– नववर्ष के पहले दिन अमरावती जिला व सत्र न्यायालय ने 31 अगस्त 2023 को चांदुर रेलवे थाने में दर्ज हुए हत्या के मामले में महिला आरोपी (मृतक की पत्नी), सहआरोपी भगवंत राऊत, अमोल वाकपैंजन और शंकर लोखंडे को बाइज्जत बरी कर दिया. सभी आरोपियों की तरफ से एड. परवेज एम. खान ने काम संभाला.
जानकारी के मुताबिक और सरकारी पक्ष की तरफ से परखे गए गवाहों के मुताबिक 31 अगस्त 2023 को महिला आरोपी यानी मृतक अमोल काकडे की पत्नी ने मृतक के भाई को रात 3 बजे मोबाइल पर फोन कर जानकारी दी कि, उनका भाई नींद से उठा और पानी पीकर सो गया. पश्चात कुछ बातचीत नहीं कर रहा है और शरीर में कोई हलचल भी नहीं है. इस कारण मृतक का भाई, माता-पिता और छोटा भाई ऑटो रिक्शा से पलसखेड पहुंचे. तब उन्हें अमोल काकडे मृतावस्था में दिखाई दिया. शिकायतकर्ता ने अपने घर के सदस्यों की सहायता से मृतक को चांदुर के ग्रामीण अस्पताल में भर्ती किया. जहां मृत घोषित करने के बाद पीएम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने संबंधित व्यक्ति की गला दबाने से मृत्यु होने की जानकारी दी. इसके मुताबिक शिकायतकर्ता ने इस बाबत पुलिस को जानकारी देकर शिकायत दर्ज की. शिकायत के मुताबिक उसकी भाभी यानी महिला आरोपी के अनैतिक संबंध थे और उसने अपने पिता के साथ मिलकर मृतक अमोल काकडे की हत्या की. जांच के दौरान पुलिस ने तथाकथित प्रेमी आशीष वाकपैंजन को गिरफ्तार किया और साथ ही जहर दिलवाने के आरोप में आरोपी शंकर लोखंडे को गिरफ्तार किया. चार्जशीट के मुताबिक जांच के दौरान ऐसा उजागर हुआ कि, खाने के पूर्व जहर दिया गया पश्चात गला दबाकर उसकी हत्या की गई. सरकारी पक्ष की तरफ से कुल 9 गवाहों को परखा गया. इसमें से सभी गवाहों ने गवाही दी. सरकारी पक्ष की तरफ से युक्तिवाद किया गया कि, घटना यह महिला आरोपी और उसके पिता के घर में घटित हुई है और पोस्टमार्टम के मुताबिक यह हत्या रहने की बात स्पष्ट हुई है. घर में घटना होने के बाद अन्य किसी भी व्यक्ति का इस हत्या में हस्तक्षेप रहने का कारण नहीं है. सभी गवाहों ने महिला आरोपी के आशीष के साथ अनैतिक संबंध रहने की गवाही दी. सरकारी पक्ष की तरफ से भी इस प्रकरण में आरोपी को कडी सजा देने का युक्तिवाद किया. दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया. आरोपियों की तरफ एड. परवेज एम. खान ने सफल पैरवी की. उन्हें एड. अनिल जयस्वाल, एड. वसीम शेख, एड. सचिन बाखडे, एड. शहजाद शेख, एड. रियाज रुलानी, एड. अजहर नवाज, एड. संदीप कथलकर ने सहयोग किया.