तिवसा के बहुचर्चित महेंद्र ठाकुर हत्याकांड के सभी आरोपी बरी
जिला व सत्र न्यायालय का महत्वपूर्ण फैसला
* साक्षीदारों के बयानों में अंतर
* एड. परवेज खान द्बारा सफल बचाव
अमरावती/दि.7 – जिला व सत्र न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण प्रकरण तिवसा के महेंद्र ठाकुर हत्याकांड में सभी आरोपियों स्वप्निल वानखडे, सागर उर्फ सर्ज्या वाघमारे, पंकज उर्फ सोनू लांडगे, राजेंद्र बावणे, राहुल बाभुलकर और किशोर सातपुते को संशय का फायदा देकर बरी कर दिया. इस मामले में एक आरोपी अमोल पाटील की सुनवाई दौरान मौत हो जाने से उसकी केस बंद कर दी गई थी. इस मामले मेें आरोपियों का बचाव एड. परवेज एम. खान ने किया.
* फिल्मी स्टाइल में पीछा कर मर्डर
दोषारोप पत्र अनुसार यह हत्याकांत 13 जनवरी 2017 को भरी दोपहर हुआ था. महेंद्र ठाकुर अपने मित्र के साथ तिवसा तहसील कार्यालय में सालवंसी के लिए गया था. वहां से वह मित्र के साथ बाईक पर अमरावती की ओर जाने के लिए निकली, तभी उसे तहसील गेट के बाहर बंद पानटपरी के पास गांव के राहुल बाभुलकर, सर्ज्या वाघमारे, सोनू लांडगे, स्वप्निल वानखडे, स्वप्नील के भाई और अन्य दो खडे दिखाई दिये. इतने में सर्ज्या वाघमारे ने जोर से आवाज लगाई कि, यह आ गया रे. तब सोनू लांडगे ने लोहे का पाईप फिर्यादी की दिशा में फेंका. महेंंद्र ठाकुर और उसका साथी बाईक लेकर वहां से भागे. कुछ फासले पर अमोल पाटील उनकी तरफ बंदुक तानकर खडा था. उसे चकमा देकर महेंद्र ठाकुर और उसका साथी नागपुर रोड से आगे निकले. तब आरोपियों ने तीन बाईक पर उनका पीछा किया.
* गाडी का पेट्रोल खत्म
वणी ममदापुर मोड पर फिर्यादी की गाडी का पेट्रोल खत्म हो गया और उन्हें रुकना पडा. फिर्यादी का एक परिचय का मित्र उन्हें मिला. उसकी गाडी लेकर महेंद्र ठाकुर को बैठने कहा. महेंद्र ठाकुर ने उससे कहा कि, तू गाडी लेकर भाग जा. वह तूझे मारने आये हैं. मैं उन्हें समझाने की कोशिश करता हूं. मुझे नहीं मारेंगे. यह कहने पर फिर्यादी आगे निकला, तो सभी आरोपी घटनास्थल पहुंचे.
* महेंद्र मृतावस्था में मिला
फिर्यादी ने घटना की जानकारी पुलिस को दी. पुलिस की गाडी फिर्यादी को ममदापुर गांव में लेने पहुंची. फिर ढाबा के पास जाकर देखा तो महेंद्र ठाकुर मृत पडा था. फिर्यादी ने जिस मित्र की गाडी मांगी थी. उसने बताया कि, आरोपियों ने महेंद्र ठाकुर पर तलवार, कोयते, लोहे के पाईप से वार कर उसकी हत्या कर दी. इस आशय की फरियाद पर आरोपी के खिलाफ गुन्हा दाखल किया गया.
* 9 साक्षीदार पेश
सरकारी पक्ष ने 9 साक्षीदार अदालत में पेश किये और आरोपी को कानून के अनुसार कडी शिक्षा देने की मांग की. बचाव पक्ष की तरफ से युक्तिवाद किया गया कि, साक्षीदारों का पुलिस के सामने दिया बयान और कोर्ट में दी गई गवाही में बडे प्रमाण में विसंगती हैं. आरोपियों से हथियार भी कानून के अनुसार जब्त नहीं किये गये. दोनों पक्षों को सुनवाई पश्चात कोर्ट मेें आरोपियों को संदेह का लाभ देकर निर्दोष करार दिया. एड. एम परवेज खान को , एड. अनिल जायस्वाल, एड. वसीम शेख, एड. सचिन बाखडे, एड. शहजाद शेख, एड. रियाज रुलानी, एड. अजहर नवाज, एड. शाहजेब खान ने सहकार्य किया.