* सभी संभागों में जलसंग्रहण की स्थिति समाधानकारक
अमरावती/दि.2- इस वर्ष राज्य में मान्सून के सीझन दौरान और मान्सून की वापसी के समय झमाझम बारिश होती रही और मूसलाधार बारिश के बीच अनेकों बार अतिवृष्टिवाली स्थिति भी बनी. जिसके चलते राज्य की सभी प्रमुख नदियों में अच्छा-खासा उफान रहा और नदियों पर बनाये गये बांधों में पानी की जमकर आवक होने के चलते सभी बांधों में जलस्तर लगातार बढता रहा. जिसके चलते कई बांधों से अनेकों बार जलनिकासी करने की नौबत भी आयी और इसके बावजूद भी बारिश का दौर रूक जाने के बाद राज्य के सभी छोटे-बडे व मध्यम बांध लबालब भरे हुए है और राज्य के सभी संभागों व जिलों में जलसंग्रहण की स्थिति बेहद शानदार है. इस समय राज्य के सभी बडे प्रकल्पों में 97 फीसद जलसंग्रहण है, जो अक्तूबर माह के लिहाज से अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
उल्लेखनीय है कि, इस बार बारिश का दौर अक्तूबर माह के अंत तक चलता रहा. जिसकी वजह से इस वर्ष सितंबर माह और बारिश के सीझन के बाद ‘अक्तूबर हीट’ का कोई असर दिखाई नहीं दिया. जिसकी वजह से बांधों में जमा पानी का बाष्पीकरण भी नहीं हुआ और जलसंग्रह के टीके रहने में मदद हुई.
बता दें कि, जून से सितंबर माह के दौरान बारिश के सीझन में इस वर्ष पूरे राज्य में औसत की तुलना में 23 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई है. जिसमें से जुलाई व अगस्त इन दो माह के दौरान सर्वाधिक पानी बरसा. इस दौरान राज्य के सभी बांधों में बेहद समाधानकारक जलसंग्रहण हुआ. जिसके चलते कई बांधों से अनेकों बार जलनिकासी भी करनी पडी. बारिश के सीझन दौरान राज्य के कई इलाकों में अतिवृष्टि भी हुई और मूसलाधार बारिश का दौर भी चला. सीझन के दौरान मौसमी बारिश होने के साथ ही मान्सून की वापसी के समय भी राज्य में अच्छा-खासा पानी बरसा और चूंकि इस वर्ष मान्सून की वापसी कुछ विलंब से हुई. जिसके चलते अक्तूबर माह तक बारिश होती रही. बता दें कि, महाराष्ट्र में 14 अक्तूबर से बारिश ने वापसी का सफर शुरू किया और 22 अक्तूबर तक राज्य में मान्सून की वापसी के दौरान बारिश होती रही. जिसकी वजह से कई क्षेत्रों में खेती-किसानी का जमकर नुकसान हुआ. वहीं दूसरी ओर इस बारिश की वजह से राज्य के सभी विभागों में जलसंग्रहण प्रकल्प लबालब भर गये.
इस वर्ष नासिक संभाग में जलसंग्रहण की स्थिति सबसे शानदार है. जहां के बांधो में करीब 99.53 फीसद जलसंग्रहण है. इसके साथ ही अमरावती संभाग के प्रकल्पों में 98.68 फीसद, औरंगाबाद संभाग के प्रकल्पों में 57.57 फीसद, पुणे संभाग के प्रकल्पों में 97.35 फीसद, कोंकण संभाग के प्रकल्पों में 96.52 फीसद तथा नागपुर संभाग के प्रकल्पों में 89.22 फीसद जलसंग्रहण इस समय है. विशेष उल्लेखनीय यह है कि, इससे पहले भी विगत दो वर्षों के दौरान बारिश का सीझन थोडा लंबा चला, लेकिन इस वर्ष तुलनात्मक रूप से बांधों में जलसंग्रहण काफी अधिक है.
* राज्य के बांधों की वर्षनिहाय स्थिति
वर्ष बडे प्रकल्प सभी प्रकल्प
2018 65.74% 59.07%
2019 89.72% 78.22%
2020 94.83% 85.83%
2021 94.63% 89.46%
2022 96.75% 91.41%