केंद्रीय गृह मंत्रालय में नहीं सबकुछ ऑल वेल
गृहमंत्री से छिपाई जा रही महत्वपूर्ण जानकारियां
* रुपेश जाधव ने पत्रवार्ता में लगाया आरोप
अमरावती/दि.16– केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कई महत्वपूर्ण ई-मेल को केंद्रीय गृहमंत्री से छिपाया जाता है और अपने ही स्तर पर डिलीट करते हुए बेहद महत्वपूर्ण रहने वाली राष्ट्रीय स्तर की गोपनीय जानकारियों को लीक भी किया जाता है. जिसके चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय को ई-मेल के जरिए महत्वपूर्ण जानकारियां भेजने वाले देश के आम व सजग नागरिकों व उनके
परिजनों की जान खतरे में पड जाती है. इस आशय का आरोप स्थानीय अस्तित्व अकादमी के संचालक रुपेश जाधव द्वारा लगाया गया.
यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में रुपेश जाधव ने बताया कि, उन्होंने हाल ही में अमरावती के जिलाधीश के मार्फत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम विस्तृत निवेदन भेजा है. साथ ही उनके द्वारा उठाये जाने वाले मुद्दे की जानकारी राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक मुख्यमंत्री व मंत्री को भी हो. साथ ही केंद्र व राज्य स्तर पर उच्च अधिकारियों से मिलने में आने वाली तकलीफों का भी सभी को पता चले. इस उद्देश्य से उन्होंने यह पत्रवार्ता बुलाई है. रुपेश जाधव के मुताबिक उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय के नाम दिसंबर 2021 से जून 2022 के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विषयों को लेकर बेहद महत्वपूर्ण ई-मेल भेजे थे. साथ ही 3 मार्च 2024 को ही गृह सचिव व गृह राज्यमंत्री सहित गृह मंत्रालय के 65 कर्मचारियों को 335 ई-मेल भेजे थे. जिसमें से कुछ ई-मेल की प्राप्ति और उन्हें अग्रेशित किये जाने की सूचना उन्हें एसएमएस के जरिए प्राप्त हुई थी. लेकिन आगे चलकर उन तमाम ई-मेल का क्या हुआ, इसका कभी कोई पता नहीं चला. ऐसे में उन्होंने इस बारे में आवश्यक जांच-पडताल की, तो पता चला कि, गृहमंत्री के स्तर तक उनका कोई ई-मेल पहुंचा ही नहीं. जिसका सीधा मतलब है कि, उनके द्वारा भेजे गये तमाम ई-मेल बिना गृहमंत्री को दिखाये ही डिलीट कर दिये गये. रुपेश जाधव के मुताबिक गृह मंत्रालय की ई-मेल आईडी पर मिलने वाले सभी ई-मेल को लिपिक स्तर के कर्मचारियों द्वारा पढा जाता है और किसी भी ई-मेल को सीधे गृहमंत्री, गृह राज्यमंत्री व गृह सचिव द्वारा नहीं देखा जाता. ऐसे में पूरी संभावना है कि, लिपिक स्तर के कर्मचारियों द्वारा कई महत्वपूर्ण ई-मेल को अपने ही स्तर पर देखकर डिलीट कर दिया जाता है. साथ ही साथ ऐसे ई-मेल के लीक होने का भी खतरा रहता है. यह अपने आप में बेहद गंभीर मामला है. जिसकी सघन जांच भी होनी चाहिए.