अमरावती/प्रतिनिधि दि.१९ -पश्चिम विदर्भ में हुई दमदार बारिश के कारण सभी सिंचाई प्रकल्प इस बार 100 प्रतिशत भर जाने के साथ ही सबसे बड़ा अप्पर वर्धा बांध में भी पानी जमा होने के कारण इस प्रकल्प से भी पानी छोड़ा जा रहा है. कुल बड़े व मध्यम 34 प्रकल्पों में से 31 प्रकल्पों के दरवाजे आज की स्थिति में खुले है. इन प्रकल्पों से भड़े पैमाने पर विसर्ग शुरु है.
अमरावती संभाग के आठ बड़े और 23 मध्यम प्रकल्पों से पानी छोड़ा जा रहा है. इनमें अनेक प्रकल्पों से गत डेढ़ माह से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. पीने के पानी की व सिंचाई की सुविधा हुई है. बारिश लगातार होने से बरे प्रकल्पों के साथ ही विभाग के अन्य प्रकल्पों में भी बड़े पैमाने पर पानी संचयन निर्माण हुआ है.
अप्पर वर्धा, पूस, अरुणावती, बेंबला, काटेपूर्णा, वान, पेनटाकली व खडकपूर्णा इन बड़े प्रकल्पों से फिलहाल पानी छोड़ा जा रहा है. मध्यम प्रकल्पों में से शहानूर,चंद्रभागा,पूर्णा,सपन,अधरपूस, सायखेडा,गोकी,वाघाडी,नवरगाव,निर्गुणा, मोर्णा, उमा, घुंगशी बॅरेज, अडाण, सोनल, एकबुर्जी, ज्ञानगंगा, मस, कोराडी, मन,तोरणा उतावली इन प्रकल्पों में से पानी का विसर्ग शुरु ही है.
पश्चिम विदर्भ के 9 बड़े प्रकल्पों में फिलहाल 1399 दलघमी यानि 99.96 प्रतिशत पानी जमा है तो 25 मध्यम प्रकल्पों में 686 दलघमी यानि 93.57 प्रतिशत जल संचयन हुआ है. लघु प्रकल्पों में भी 90 प्रतिशत से ज्यादा पानी जमा हुआ है. अमरावती विभाग के 477 लघु प्रकल्पों में से अधिकांश प्रकल्प 100 प्रतिशत भरे हैं. गत वर्ष 18 अक्तूबर तक बड़े प्रकल्पों में 99.16 प्रतिशत व मध्यम प्रकल्पों में 92.63 प्रतिशत पानी जमा था.
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वापसी की बारिश का सोयाबीन, कपास उत्पादक किसानों को फटका
चंद्रपुर- जिले में गत दो दिनों से जारी वापसी की बारिश के कारण सोयाबीन व कपास उत्पादक किसानों का काफी नुकसान हुआ है. सोयाबीन की कटाई की शुरुआत होते ही बारिश होने से किसानों ने कटाई आधे में ही छोड़ दी. जिसके चलते कटाई किया गया सोयाबीन भी भीग गया. वहीं अनेक किसानों का कपास भी ऐन समय पर बारिश होने से भीग गया है. बारिश की सात से आठ दिनों की गैप के कारण अनेक किसानों ने सोयाबीन की कटाई पूरी करने के साथ ही इस वापसी की बारिश के कारण कपास व धान फसल पर कोई असर नहीं होने के साथ ही किसी भी प्रकार का नुकसान न होने का दावा जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी भाऊसाहब बर्हाटे ने किया है.