अमरावतीमहाराष्ट्र

सभी दल अपने दम पर लडेंगे मनपा का चुनाव!

महायुति व महाविकास आघाडी में इच्छुकों की जबर्दस्त भीड

अमरावती/दि.5– एकजुट रहने का नारा देते हुए महायुति व महाविकास आघाडी ने लोकसभा व विधानसभा का चुनाव तो लडा था. लेकिन अब मनपा की सत्ता हासिल करने हेतु दोनों गठबंधनों में शामिल घटक दलों के स्वतंत्र तौर पर एक दूसरे से भीडने की संभावना जतायी जा रही है. क्योंकि महायुति व महाविकास आघाडी के घटक दलों में मनपा का चुनाव लडने के इच्छुकों की संख्या अच्छी खासी है और सभी दल स्थानीय स्तर पर अपना अस्तित्व टिकाए रखने हेतु प्रयासरत है. साथ ही साथ महायुति में शामिल विधायक रवि राणा की युवा स्वाभिमान पार्टी द्वारा अपने विस्तार की ओर ध्यान केंद्रीत किया गया है.
बता दें कि, वर्ष 2022 के दौरान राज्य में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद राकांपा के स्थानीय नेता संजय खोडके अब महायुति में शामिल है. वहीं उनके राजनीतिक विरोधी डॉ. सुनील देशमुख अब कांग्रेस में लौट चुके है. जिन्होंने कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लडा. साथ ही भाजपा नेता जगदीश गुप्ता ने विधानसभा चुनाव के समय बगावत की थी. जो चुनाव जीत पाने में भले ही असफल रहे, लेकिन मनपा चुनाव में जगदीश गुप्ता का गुट पूरी तरह से सक्रिय रहने की संभावना है. ऐसे में भाजपा के भीतर ही दो गुट बन गये है. जिसके तहत विधानसभा चुनाव के समय भाजपा शहराध्यक्ष प्रवीण पोटे ने महायुति प्रत्याशी सुलभा खोडके का और भाजपा नेत्री नवनीत राणा ने भाजपा के बागी प्रत्याशी जगदीश गुप्ता का प्रचार किया. वहीं दूसरी ओर बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से बगावत करने वाले तुषार भारतीय को भी भाजपा द्वारा निष्कासित किया गया है. ऐसे में मनपा की राजनीति पर मजबूत पकड रखने वाले तुषार भारतीय भी मनपा चुनाव में कुछ अलग भूमिका अपना सकते है.
चूंकि अब अजीत पवार गुट वाली राकांपा के पास अमरावती शहर की विधायकी है और राकांपा नेता संजय खोडके का गुट अब भी मनपा की राजनीति में सक्रिय है. साथ ही भले ही कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सुनील देशमुख को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पडा है. लेकिन उनके समर्थकों का गुट भी मनपा चुनाव हेतु सक्रिय होता दिखाई दे रहा है. इसके अलावा फिलहाल अन्य दलों में रहने वाले कुछ पूर्व पार्षदों के एक बार फिर कांग्रेस अथवा राकांपा में वापिस लौटने की संभावना बनती दिखाई दे रही है. उधर अमरावती शहर में महायुति का घटक दल रहने वाली एकनाथ शिंदे की शिवसेना का अमरावती शहर में कोई विशेष अस्तित्व नहीं है, लेकिन शिवसेना उबाठा की संगठनात्मक स्थिति काफी अच्छी है और शिवसेना उबाठा के पास मनपा चुनाव लडने वाले इच्छुकों की संख्या भी काफी अधिक है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों द्वारा मनपा चुनाव के समय एक-दूसरे के खिलाफ जोर आजमाइश करते हुए अपनी ताकत दिखाये जाने की पूरी संभावना बन रही है.

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