अमरावती

बहिरम मेले में सभी व्यापारियों को अनुमति प्रदान करे

जिला परिषद सदस्य योगिता जैस्वाल ने दिया कलेक्टर को निवेदन

परतवाड़ा/अचलपुर/दी.२१ – विगत दो वर्षों से कोरोना के कारण बंद हुआ बहिरम के मेले को इस वर्ष शुरू करने की मांग चहुओर से की जा रही है.महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर आयोजित होते बहिरम मेले में बड़ी संख्या में आदिवासी लोग सहभागी होते है.विदर्भ के असंख्य लोगो के बहिरम बाबा कुलदेवता है.लोग सहपरिवार बहिरम में पहुंचकर अपनी मन्नते पूरी करते है.
जिला प्रशासन ने इस वर्ष बहिरम मेले को अनुमति नही देने से छोटे-बड़े व्यापारियों पर भुखमरी का संकट आ चुका है.झूला व्यवसायी,टूरिंग टाकीज,,मौत का कुआं,प्रदर्शनी,पशु मेला,सामाजिक कार्यक्रम,होटल,फुटाना रेवड़ी व्यवसायी,आदि सभी के कामकाज ठप्प पड़ चुके है.राज्य सरकार ने मॉल,टॉकीज के साथ साथ ही स्कूले खोलने की भी अनुमति दे दी है.
बहिरम मेले के भरोसे अपने परिवार का उदरनिर्वाह करते लोगो का स्थानीय राजनेताओ पर इस कारण काफी आक्रोश है.लोगो का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद मुसीबत के समय नेता गायब हो जाते है.
छोटे दुकानदार भगवंत रामदेव कहते है कि हमारा पाटा-बेलन का व्यवसाय है.मेला न लगने से दो साल से पूरा माल घर मे ही पड़ा है.गावं में रोजगार के अन्य साधन नही है.कोई काम नही होने  से मजदूरी करनी पड़ रही है.करजगावं के दुकानदार राजू कश्यप कहते है कि हर साल मेले में 40 दिनों के लिए दुकान लगाकर हम रोजी रोटी का जुगाड़ कर लेते है.प्रशासन दो वर्षों से मेले को अनुमति नही देकर हम छोटे व्यापारियों पर जुल्म कर रहा है.बड़े शहरों में बीयर बार से लेकर होटल तक सभी खुल चुके है.स्थानीय नेता भी ध्यान नही दे रहे.समस्या का निवारण होना जरूरी है.
-योगिता जैस्वाल ने निवेदन दिया-:
 कारंजा सर्कल जिला परिषद सदस्य योगिता जैस्वाल ने बहिरम मेले को अनुमति प्रदान करने कलेक्टर को ज्ञापन दिया है.श्री क्षेत्र बहिरम मेले का समय शुरू हो गया है.नागरिको की जरूरतों को ध्यान में रख मेले को तत्काल शुरू किया जाना चाहिए.यह मेला लोगो की आस्था और श्रद्धा से जुड़ा है.लोगो की रोटी रोजी  भी इससे जुड़ी है.गरीब लोगों को संकट का सामना करना पड़ रहा.कलेक्टर महोदय इसका सर्वमान्य हल निकालेंगे ऐसी अपेक्षा की जाती है.

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