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बहुचर्चित कैथवास हत्याकांड प्रकरण के सभी आरोपी बरी

वर्ष 2019 में बडनेरा में घटित हुआ था यह रौंगटे खडे करनेवाला हत्याकांड

अमरावती /दि. 6- बडनेरा शहर में वर्ष 2019 में घटित बहुचर्चित संतोष कैथवास हत्याकांड प्रकरण में आज प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत में सबूतो के अभाव में पांचो आरोपियों को बाईज्जत बरी कर दिया.
जानकारी के मुताबिक बरी हुए आरोपियों के नाम मयुर कैथवास, पालाश कैथवास, शुभम कैथवास, शिवम कैथवास और मो. फरीद मो. शकील है. बताया जाता है कि, 26 मई 2019 की शाम 6 से 7 बजे के दौरान संतोष कैथवास जुनीवस्ती की चक्की पर गेंहू पिसाने के लिए गया था. उसके पीछे उसका भाई अंतोष भी चाय पीने के लिए चक्की के पास आया था. उसे वहां दोस्त संजय जगधने मिला था. अंतोष जब चाय पी रहा था तब पांचो आरोपी हाथो में तीक्ष्ण हथियार लेकर चक्की के पास पहुंचे और उन्होंने संतोष कैथवास पर हमला कर दिया. इस हमले में गंभीर रुप से घायल संतोष अपनी जान बचाने के लिए भगतसिंग चौक की तरफ दौडा. तब सभी आरोपी उसके पीछे भागे और धनराज नामक व्यक्ति की मटन की दुकान के सामने ढेर कर उस पर दर्जनो वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया. मुख्य आरोपी मो. फरीद ने मृतक के सिर पर फरशे से वार किए. इसमें फरशा मृतक की खोपडी में फंस गया था. उसे आरोपी फरीद ने अपने पैर के सहारे निकालकर फिर से संतोष पर वार किए थे. संतोष की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई थी. दोनों स्थानों पर हुए हमले में शिकायतकर्ता अंतोष कैथवास, उसका दोस्त संजय जगधने और मटन विक्रेता धनराज चष्मदिद गवाह थे. पुलिस ने इस प्रकरण में धारा 302, 201, 143, 147, 148, 149, 120 (ब), 203 तथा आर्म एक्ट की धारा 4/25 व मुंबई पुलिस कानून की धारा 135, 142 के तहत मामला दर्ज कर पांचो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. बडनेरा पुलिस ने मामले की जांच पूर्ण कर चार्जशीट अदालत में दाखिल की. घटनावाले दिन से सभी आरोपी कारागृह में ही थे. उनकी जमानत स्थानीय न्यायालय व उच्च न्यायालय द्वारा ठुकराई गई थी.
इस प्रकरण की सुनवाई प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत में चली. सरकारी पक्ष की तरफ से कुल 12 गवाहों को परखा गया. दोनों पक्षो की दलीले सुनने के बाद न्यायालय ने सबूतो के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस प्रकरण में आरोपी मयुर कैथवास, पालाश कैथवास की तरफ से एड. जलतारे ने तथा आरोपी शुभम कैथवास व शिवम कैथवास की तरफ से एड प्रशांत देशपांडे ने व मुख्य आरोपी मो. फरीद मो. शकील की तरफ से एड. मिर्झा वसीम अहमद व एड. आशीष चौबे ने सफल पैरवी की.

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