अमरावती/ दि.23 – एन्टी करप्शन विभाग व्दारा ट्रैप के मामले में केवल गिरफ्तार नहीं हुए इस एक कारण के चलते सीधे सभी मामले में निलंबन को नकार न जाए, हर मामले में स्वतंत्र निर्णय लेकर शासन के नगर विकास विभाग व गृहविभाग को जानकारी दी जाए, इसी तरह निलंबन के बाद 90 दिन की कालावधि में विभागीय जांच की कार्रवाई शुरु कर दोषारोपपत्र पेश किया जाएगा, ऐसा ध्यान रखा जाए, ऐसे निर्देश नगर विकास विभाग ने दिये है. एसीबी व्दारा की गई कार्रवाई के बाद सक्षम प्राधिकरण के कार्यपध्दति के बारे में महापालिका, नगर पालिका व नगर पंचायत को ऐसी सूचना दी गई है.
एसीबी ट्रैप के बाद अपराध दर्ज किया जाता है. इसमें गिरफ्तार करने की समयावधि 48 घंटे से अधिक हो, तब गिरफ्तारी की तारीख से निलंबन के आदेश जारी करना जरुरी है. मान्य निलंबन के मामले छोडकर रिश्वतखोरी के ट्रैप के मामले में एन्टी करप्शन विभाग व्दारा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद अपचारी अधिकारी, कर्मचारी को तत्काल निलंबित करने की कार्रवाई सक्षम प्राधिकरण व्दारा की जाए, मामले की गंभीरता व सबूतों की स्थिति देखकर तत्काल निलंबित करने का निर्णय लिया जाए, केवल गिरफ्तार नहीं किये, इस वजह से निलंबन की कार्रवाइ नर्हीं रोकना चाहिए, ऐसी सूचना बीते 16 मार्च को जारी की गई.
इस वजह से जारी हुआ पत्र
रिश्वतखोरी के मामले में केवल मांग के आरोप पर संबंधित को निलंबित न करे, परंतु जिस कर्मचारी को रिश्वत स्वीकारते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, उन्हें महानगर सेवा से निलंबित किया जाए, ऐसा निर्णय कुछ महापालिका ने लिये जाने की रिपोर्ट नगर विकास विभाग ने दर्ज की है. संबंधितों निलंबित न किये गए व केवल जनता से संपर्क नहीं रहेगा, ऐसी जगह तबादला किये जाने की बात नगर विकास विभाग के समझ में आयी. इसके आधार पर मामले की गंभीरता को देखकर निलंबन के बारे में तत्काल निर्णय लिया जाए, ऐसी सूचना देने वाला पत्र नगर विकास विभाग ने जारी किया है.
बहाने बनाकर निलंबित नहीं करते
गिरफ्तार किये जाने की समयावधि 48 घंटे से अधिक नहीं, ऐसा कारण सामने लाकर कुछ रिश्वतखोरों को निलंबित नहीं किया जाता. एसीबी ट्रैप व अपराध दर्ज करने के बाद हमारी और से तत्काल संबंधित सक्षम प्राधिकारी को रिपोर्ट भेजी जाती है. इसके बाद सक्षम प्राधिकारी व्दारा तत्काल निलंबन का निर्णय लेना अपेक्षित है.
– विशाल गायकवाड,
पुलिस अधिक्षक, एसीबी अमरावती