अमरावती

माता-पिता की सेवा करने से सभी तीर्थों का मिलता है पुण्य : अनादि महाराज

श्री शिव महापुराण कथा का समापन, कथा श्रवण का श्रद्धालुओं ने उठाया लाभ

अमरावती / दि. ३०– माता-पिता की सेवा भगवान की सेवा से बढ़कर है. दुनिया के किसी भी तीर्थ में जाकर इतना पुण्य नहीं मिलता, जितना अपने माता-पिता की सेवा करने से मिलता है, यह विवेचन अनादि महाराज ने किया. संतोषी नगर के साहू बाग में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के अंतिम दिन कथा श्रवण का लाभ श्रद्धालुओं ने उठाया. गणेश विवाह की कथा विषद करते हुए अनादि महाराज ने माता-पिता के प्रति संतान का कर्तव्य बताया. उन्होंने कहा कि, श्री शिवपुराण में माता-पिता की सेवा को भगवान की पूजा-अर्चना करने से भी अधिक फलदायी और श्रेष्ठ बताया गया है जो संतान अपने माता-पिता को छोड़ कर किसी तीर्थस्थल पर जाते है, उन्हें माता-पिता की हत्या करने जितना पाप लगता है. वेद और शास्त्र कहते है कि, खुद तीर्थ पर मत जाओ पर अपने माता-पिता को तीर्थ दर्शन जरूर कराओ. महाराज ने सभी को सलाह देते हुए कहा कि, श्री शिव महापुराण में लिखित है, यदि आप अपने माता-पिता को खुश रहते हो तो भोले बाबा की पूजा आपको मनोवांछित फल प्रदान कर सकती है. अनादि महाराज ने गणेश विवाह की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि, जब शिव-पार्वती के समक्ष गणेश और कार्तिकेय के विवाह की बात आयी तो उन्होंने एक शर्त रखी कि, जो पृथ्वी की परिक्रमा कर के आएगा उसीका विवाह होगा. यह बात सुनकर कार्तिकेय तो तुरंत अपना वाहन लेकर निकल पड़े. लेकिन गणेशजी सोच में पड़ गए कि, मैं यह परिक्रमा कैसे कर पाऊंगा. ऐसे में उन्हें एक युक्ति सुझती है. वे शिव-पार्वती के लिए विशेष आसन लगाते है और उन्हें वहां बिठाकर उनकी सात बार पूजा और परिक्रमा करते है. परिक्रम लगाने के पश्चात माता पार्वती उनसे पूछती है, गणेश हमने तुम्हे धरती की परिक्रमा करने कहा था. तुम हमारी परिक्रमा क्यों कर रहे हो. इसका उत्तर देते हुए गणेशजी कहते है कि, वेदों और पुराणों में माता-पिता की परिक्रम कर मिलने वाले फल को धरती की परिक्रमा लगाने पर मिलने वाले फल के समान कहा गया है. गणेश के इस भाव को देख कर शिव-पार्वती प्रसन्न होते है और उनका विवार रिद्धि-सिद्धि से करा देते है.

मातोले, अग्रवाल व नट्टू महाराज का आयोजन
साहू बाग में २१ नवंबर से आयोजित कथा का समापन २९ नवंबर को हुआ. यह आयोजन विक्की मातोले, कौशिक अग्रवाल, और नट्टू महाराज द्वारा किया गया. कथा के अंतिम दिन शिव महापुराण कथा वाचक अनादि महाराज के मुखारविंद से कथा श्रवण का लाभ उठाने विधायक रवि राणा, अजय मोरय्या, सुरेखा मातोले, सुरभी मातोले, श्वेता मातोले, सपना मुले, सुनिता गुप्ता, नेहा सदावर्ते, हर्षा सदावर्ते, शीतल साहू, नंदा माथुरकर, अरूणा गुप्ता, संगीता गुप्ता, कमला सदावर्ते, आशा गुप्ता, कुसूम साहू, हेमा श्रीवास, ज्योति साहू, रोशनी साहू, अनिता मातोले, लता बिसे, सुनिता वानरे, संजय वानरे, सुनंदा राऊत, ममता गडवाले, हर्षा देवीकर, प्रियंका साहू, रमेश सरोदे, अभिजीत गुप्ता, ओम साहू, ओम शिंदे, माणिकराव राऊत, योगश वालवे, रवि डोंगरे, श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदूस्तान के सदस्य, श्रीरामनवमी शोभायात्रा समिति, पंकज सोनटक्के, विश्वास यावले, गजानन तिजारे, नामदेव तिजारे, विनायकराव आकोलकर, दीप अडगोकर, राज साहू, अभय मुले, निशांत जोगी, योगेश साहू, सुनील मिश्रा, भावेश दायदार, ऋषिकेश तायवाडे, देवानंद राऊत सहित श्रद्धालू बड़ी संख्या में उपस्थित थे.

 

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