* लाखों लीटर स्टॉक पड़ा है
अमरावती/दि.3- कोरोना दौर में प्रदेश में शुरु हुए सभी 110 सैनेटाइजर प्रकल्प अब कोरोना का प्रकोप काफी हद तक दूर हो जाने से बंद कर दिये गये हैं. इसमें अमरावती के एकमात्र प्रकल्प का समावेश था. नागपुर के तीन कारखाने भी बंद किये जाने की जानकारी है. सबसे अधिक 61 कारखाने पुणे में शुरु हुए थे. अभी भी लाखों लीटर माल पड़ा रहने की जानकारी है. यह माल कालबाह्य हो गया है. अब उसे नष्ट करने की चुनौती उत्पादकों के सामने बनी है.
* 70 % अल्कोहोल से बनता
सैनेटाइजर बनाने 70 प्रतिशत अल्कोहोल, ग्लीसरीन और वॉटर कलर का इस्तेमाल किया जाता. चीनी कारखानों में तैयार होने वाला सैनेटाइजर 50 एमएल से लेकर 5 लीटर की पैकिंग में उपलब्ध किया गया था. प्रदेश के 43 चीनी कारखानों को सैनेटाइजर बनाने की इजाजत दी गई थी. रोज 1 लाख 20 हजार लीटर तक सैनेटाइजर बनता था.
* मेडिकल में स्टॉक
शहर और जिले की अनेक दवा दूकानों में सैनेटाइजर का स्टॉक होेने की जानकारी एक मेडिकल संचालक ने दी. उन्होंने बताया कि पहले के समान डिमांड नहीं है. फिर भी काफी लोग सावधानी के तौर पर अभी भी सैनेटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं. उसी प्रकार अस्पतालों में सैनेटाइजर की डिमांड बनी हुई है. वहां बल्क ऑर्डर में सैनेटाइजर उपयोग में लाया जाता ह
* इस प्रकार है कारखाने
अमरावती -1
नागपुर – 3
पुणे – 61
औरंगाबाद- 20
नाशिक – 18
ठाणे- 7