अमरावतीमुख्य समाचार

छलकने को बेताब हैं जिले के सभी छोटे-बडे बांध

अप्पर वर्धा में 45 फीसद जलसंग्रहण

* 339.43 मीटर तक पहुंचा जलस्तर
अमरावती/दि.11– इस समय जिले में चहुंओर झमाझम और मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके चलते सभी नदियों में बाढवाली स्थिति बनी हुई है. ऐसे में इन नदियों पर बनाये गये बांधों पर बडे पैमाने पर पानी की आवक हो रही है. जिसकी वजह से बांधों में जलस्तर लगातार बढ रहा है. ऐसे में सिंचाई विभाग के साथ-साथ संबंधित बांधोें पर नियुक्त अधिकारियों द्वारा लगातार बढते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है, ताकि जलस्तर के अपेक्षा से अधिक उंचा उठने की स्थिति में बांधों से जलनिकासी शुरू की जा सके. ऐसे में बांधों से आगे निकलनेवाली नदियों व नहरों के किनारे रहनेवाले गांवों व बस्तियों के लिए पहले से ही सतर्कता का आदेश जारी कर दिया गया है.
बता दें कि, जिले के सबसे बडे जलसंग्रहण प्रकल्प अप्पर वर्धा बांध में इस समय 436.26 दलघमी जलसंग्रहण हो चुका है और यहां पर 339.43 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया है. जुलाई 2022 के अंत तक इस जलाशय के अधिकतम जलस्तर को 341.18 मीटर तक रखना है. वहीं इस समय बांध के पाणलोट यानी जलग्रहण क्षेत्र में झमाझम बारिश शुरू रहने के चलते बांध में पानी की बडे पैमाने पर आवक हो रही है. इस बात के मद्देनजर बांध के लगातार बढते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है और अगर जलस्तर यूं ही बढता रहता है, तो अगले 72 घंटों के भीतर बांध के दरवाजों को खोलकर पानी को नदी में छोडे जाने का विचार किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर इस समय मध्यम प्रकल्प रहनेवाले सापन बांध में 22.46 दलघमी जलसंग्रहण हो चुका है और 505.40 मीटर तक जलस्तर जा पहुंचा है. जबकि जुलाई माह के अंत तक इस जलाशय में 506.50 मीटर तक जलस्तर रखा जाना अपेक्षित होता है. चूंकि इस समय सापन नदी में भी झमाझम बारिश के चलते बाढवाली स्थिति बनी हुई है. ऐसे में सापन बांध में पानी की अच्छी-खासी आवक हो रही है. जिसके चलते सापन बांध से भी जलनिकासी शुरू किये जाने को लेकर अगले 72 घंटों में निर्णय लिया जा सकता है.

* संभाग के जलाशयों में भी जलस्तर बढा
विगत 48 घंटों से अमरावती शहर व जिले सहित समूचे संभाग में झमाझम बारिश का दौर चल रहा है. जिसके चलते संभाग के सभी छोटे-बडे व मध्यम प्रकल्पों में जलस्तर तेजी से उपर उठ रहा है. इस समय संभाग के बडे प्रकल्पों में यवतमाल जिले के पुस में 390.03, अरूणावती में 325.94, बेंबला में 266.15, अकोला जिले के काटेपूर्णा में 342.21, वाण में 398.69, बुलडाणा जिले के नलगंगा में 288.78, पेनटाकली में 555.25 तथा खडकपूर्णा में 517.07 मीटर तक जलस्तर पहुंच चुका है. इसके अलावा मध्यम प्रकल्पों में अमरावती जिले के शहानूर में 439.20, चंद्रभागा में 498.20, पूर्णा में 447.06, सापन में 505.40, पंढरी में 424.76, गडगा में 344.50, यवतमाल जिले के अधरपूस में 303.53, सायखेडा में 272.10, गोकी में 312.90, वाघाडी में 315.43, बोरगांव में 316, नवरगांव में 252.67, अकोला जिले के निगुर्णा में 384.55, मोर्णा में 361.70, उमा में 339, घुंगशी बैरेज में 254, वाशिम जिले के अडाण में 376.74, सोनल में 448.70, एकबुर्जी में 144.35, बुलडाणा जिले के ज्ञानगंगा में 400.50, पलडग में 398.75, मस मे 322.20, कोराडी में 545, मन में 370.60, तोरणा में 402.15 तथा उतावली में 366 मीटर तक जलसंग्रहण हो चुका है.

Related Articles

Back to top button