अमरावती/ दि.20 – वरुड स्थित पुनर्वसन वार्ड क्रमांक 1 में रहने वाले नितीन कडू की संदीप कडू, इंदिरा उर्फ रेखा कडू व अविनाश कडू ने धारदार हथियार से हत्या कर डाली. इस मामले में आरोपियों की ओर से एड. शिरिष जाखड ने पेश की दलीलों को मान्य करते हुए आरोपियों का उस मामले में हाथ न होने की बात साबित की. इसपर प्रमुख जिला व सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति आर. एम. जोशी की अदालत ने तीनों आरोपियोंय को हत्या के अपराध से बाईज्जत बरी कर दिया.
संदीप सेवकराम कडू इंदिरा उर्फ रेखा सेवकराम कडू व अविनाश सांभरे यह तीनों हत्या के अपराध से बाईज्जत बरी होने वाले व्यक्तियों के नाम हैं. दोषारोप पत्र के अनुसार लिंगा पुनर्वसन वार्ड क्रमांक 1 में रहने वाले मृतक नितीन सेवकराम कडू (22), भाई संदीप सेवकराम कडू (26) व मां इंदिरा उर्फ रेखा सेवकराम कडू (47) एक साथ रहते थे. मृतक नितीन मालवाहक वाहन लेने के लिए हमेशा मां व भाई को परेशान करता था. इस बात को लेकर मां व भाई उसका विरोध करते थे. इसकी वजह से परिवार में हमेशा कलह हुआ करता था. 23 अक्तूबर 2016 की रात इसी बात को लेकर जोरदार विवाद हुआ. इसमें नितीन कडू की भाई संदीप, मां इंदिरा व बुआ का लडका अविनाश सांभरे ने धारदार हथियार से नितीन की हत्या कर डाली. मृतक के चाचा साहेबराव कडू ने वरुड पुलिस थाने में दी शिकायत पर तीनों आरोपियों के खिलाफ दफा 302, 34 के तहत अपराध दर्ज कर उसी दिन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. वरुड के सहायक निरीक्षक विजय शिंगाडे ने मामले की तहकीकात कर 14 गवाहों समेत अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया. चाचा साहबराव कडू समेत 14 गवाह पक्के रहने के बाद भी एड. शिरिष जाखड व एड. गजानन तांबटकर ने अदालत में साबित किया कि, उस हत्या के मामले में तीनों का हाथ नहीं, इस आधार पर अदालत ने तीनों आरोपियों को हत्या के अपराध से दोषमुक्त करते हुए बाईज्जत बरी कर दिया.