अमरावती

विनोद बुंदेले हत्याकांड के तीनों आरोपी बरी

एड. प्रशांत देशपांडे व एड. परवेज खान की सफल पैरवी

अमरावती/दि.5 – बहुचर्चित विनोद बुंदेले हत्याकांड में नामजद किए गए बजरंग रमेश अडइके, सतीश नागोराव डोईफोडे व आकाश संतोष डोईफोडे नामक तीन आरोपियों को स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय ने भादंवि की धारा 143, 147, 148, 302, 324, 323, 504 व 149 के तहत दर्ज अपराधिक मामले से निर्दोष बरी कर दिया. इस मामले मेें मुख्य आरोपी बजरंग अडइके की ओर से एड. परवेज खान तथा सह आरोपी सतीश डोईफोडे व आकाश डोईफोडे की ओर से एड. प्रशांत देशपांडे ने सफल युक्तिवाद किया.
खोलापुरी गेट पुलिस स्टेशन द्बारा जिला व सत्र न्यायालय में दायर चार्जशीट के मुताबिक 6 मार्च 2015 को रात 9 बजे के आसपास विनोद बुंदेले से मिलने के लिए बजरंग अडइके, गोपाल प्रभाकर तायडे, सुनील प्रभाकर तायडे व फारुख नामक एक अन्य व्यक्ति बुंदेले के घर गए. उस समय विनोद बुंलेदे और उसकी पत्नी सहित बाबू पिंजरकर घर के बाहर खडे रहकर बातचीत कर रहे थे. इस समय होली के दिन रंग लगाने की वजह को आगे करते हुए इन चारों लोगों ने विनोद बुंदेले के साथ गालीगलौज करते हुए उसके साथ मारपीट करनी शुरु की. इसी समय गोपाल तायडे ने संतोष नागोराव डोईफोडे, सोनू उर्फ सूरज डोईफोडे व आकाश संतोष डोईफोडे को आवाज देकर बुलाया और सब ने मिलकर विनोद बुंदेले के साथ मारपीट की. इसी समय सुनील तायडे व गोपाल तायडे ने विनोद बुंदेले को ईट के टूकडे फेंककर मारने शुरु किए, तो विनोद बुंदेले खुद को बचाने के लिए कुएं की ओर दौडा. इस समय विनोद की पत्नी अपने पति को छूडाने के लिए चीख-पुकार कर रही थी, लेकिन सभी आरोपियों ने विनोद बुंदेले को कुएं के पास पकडकर उसके साथ और भी मारपीट की तथा फरार हो गए. पश्चात विनोद बंदेले को इर्विन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. जहां पर डॉक्टरों ने विनोद बुंदेले को मृत घोषित किया.
इस मामले में विनोद बुंदेले की पत्नी द्बारा दी गई शिकायत के आधार पर खोलापुरी गेट पुलिस स्टेशन में सभी आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 143, 147, 148, 302, 324, 323, 504 व 149 के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए अदालत में चार्जशीट पेश की. यहां पर सुनवाई जारी रहने के दौरान सुनील तायडे, मोहम्म फारुख, संतोष डोईफोडे तथा सोनू उर्फ सूरज डोईफोडे की अलग-अलग समय पर मौत हो गई. जिसके चलते बजरंग अडइके, सतीश डोईफोडे व आकाश डोईफोडे इन तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 12 गवाह पेश किए गए. जिनके बयानों को बचाव पक्ष ने संदिग्ध साबित किया. ऐसे में दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद अदालत ने तीनों आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बाइज्जत बरी किया. इस मामले में बजरंग अडइके की ओर से एड. परवेज खान ने पैरवी की. जिन्हें एड. अनिल जयस्वाल, एड. वसीम शेख, एड. सचिन बाखडे, एड. शहजाद शेख, एड. रियाज रुलानी, एड. अजहर नवाज ने सहयोग किया. वहीं सतीश डोईफोडे व आकाश डोईफोडे की ओर से एड. प्रशांत देशपांडे ने पैरवी की. जिन्हें एड. मोहित जैन व एड. गणेश गंधे ने सहयोग किया.

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