अमरावती

तीनों कृषि विधेयक वापस लिये जाये

वंचित बहुजन आघाड़ी ने जिलाधीश को सौंपा ज्ञापन

अमरावती प्रतिनिधि दि ५ – केंद्र सरकार ने बीते वर्ष कोरोना के हालातों का लाभ उठाते हुए कृषि संबंध में जो तीन अधिनियम अमल में लाये हैं, उन अधिनियमों के खिलाफ देश के किसानों ने जिले की सीमा पर बीते 101 दिनों से आंदोलन जारी रखा है. इन किसानों के आंदोेलन को वंचित बहुजन आघाड़ी का पूरा समर्थन है, इसलिए केंद्र सरकार ने किसानों के आंदोलनों की दखल लेकर तीनों कृषि कानून जल्द से जल्द वापस लेने की मांग को लेकर वंचित बहुजन आघाड़ी की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को निवेदन भेजा.
निवेदन में बताया गया कि भारतीय संविधान के अनुसार कृषि व खेतीबाड़ी से संबंधित कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार का है. लेकिन केंद्र सरकार ने यह तीनों कानून अमल में लाये है. राज्य सरकार ने अधिवेशन के दौरान तीनों कानून को रद्द करना चाहिए. जिससे केंद्र व्दारा पारित किये गये कानून का कोई मतलब नहीं रहेगा. केंद्र सरकार की तरह ही राज्य की उध्दव ठाकरे सरकार भी बड़े उद्योगपतियों को समर्थन दे रही है. ऐसा अहसास राज्य के किसानों को हो रहा है. इसलिए मुख्यमंत्री ठाकरे ने तत्काल राज्य में यह कानून रद्द करना चाहिए अन्यथा वंचित बहुजन आघाड़ी की ओर से तीव्र आंदोलन किया जायेगा.
निवेदन सौंपते समय एड. सिध्दार्थ गायकवाड़, डॉ. अलीम पटेल, किरण गुडधे, सैयद फुजेल, सुरेश तायडे, आनंदराव इंगले, विजय डोंगरे, शिवा प्रधान, मिलिंद दामोदर, प्रतिभा प्रधान, मीना नागदिवे, वहिदा नायर, सिध्दार्थ दामोदरे, निखिल फुले, उज्वला सरोदे, धीरज मेश्राम, विद्या वानखडे मौजूद थे.

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