* दुपहिया फिसलने की घटनाएं बढ़ी, अनेक के हाथ-पांव फ्रैक्चर
अमरावती/दि.2- माना कि बारिश का सीजन है. सड़क की मरम्मत तुरंत नहीं हो सकती. किन्तु सड़कों पर हो गए बड़े गड्ढे रोजाना दुर्घटनाओं की वजह बन रहे हैं. शहर के तीन प्रमुख उड़ान पुल इस मामले में खतरनाक हो गए हैं. मंगलवार शाम दो उड़ान पुल पर दो दुर्घटनाएं गड्ढों और फैली हुई रेत की वजह से हुई. जिससे इन सड़कों की फौरन मरम्मत की मांग पब्लिक उठा रही है. तथापि किसी भी राजनीतिक संगठन ने इस बारे में प्रशासन को आगाह नहीं करने की स्थिति है.
* राजापेठ का फ्लाइओवर गड्ढों से पटा
राजापेठ पर बना उड़ान पुल गड्ढों से भर गया है. बडनेरा रोड की तरफ से चढ़े अथवा राजापेठ थाने की तरफ से. शुरुआत में ही गड्ढे दुपहिया सवार की परीक्षा ले रहे हैं. बारिश के इस मौसम में गड्ढों में पानी भर जाने पर दुपहिया चालक को अंदाज नहीं लग पाता और हादसे हो रहे हैं. लोगों की जान पर बन आयी है.
* इर्विन-राजापेठ पुल भी ऐसा ही
बड़े गाजे बाजे से बनाया गया इर्विन-राजापेठ उड़ान पुल का हाल भी ऐसा ही है. उस पर राजापेठ की तरफ से कह सकते हैं कि गड्ढों की संख्या कम है, मगर ऊपर जयस्तंभ से सहकार भवन रोड, मालवीय चौक तक उड़ान पुल की सड़क खस्ता हो गई है. गिट्टी उखड़ गई है. जिससे हमारे संवाददाता ने देखा कि दुपहिया सवार महिलाएं फिसल रही है. आज भी दो घटनाए्ं हुई, जिसमें महिला और युवती को काफी चोटें आयी. वहां जमा हुए लोगों ने बताया कि गाड़ी फिसलने के मामले रोज हो रहे हैं.
* स्टेशन पुल सबसे बुरा
शहर का कदाचित सबसे पुराना रेल्वे स्टेशन का फ्लायओवर भी बुरी कंडीशन में है. जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं. गिट्टी उखड़ जाने से बारिश के दिनों में दुर्घटनाएं बढ़ गई है. अभी तो दो-चार लोग टू विलर फिसलने से हाथ-पैर फ्रैक्चर करा बैठे हैं. किसी दिन किसी की जान जाएगी, इस कदर खतरनाक स्थिति रेल्वे फ्लायओवर की हो गई है. लोगों ने बारिश सीजन खत्म होने की राह न देखते हुए शीघ्र तीनों उड़ान पुल की खस्ता हो चली हालत की मरम्मत की मांग लोनिवि और मनपा से की है.
* दल आपसी झगड़ों में व्यस्त
अमरावती के राजनीतिक दल शहरियों की समस्याओं की तरफ ध्यान देने की बजाय कथित महात्माओं पर दूसरे कथित महापुरुषों की टीका टिप्पणी में लगे हैं. इस बात को लेकर सड़कों पर उतरे हैं. बड़े प्रदर्शन हो रहे हैं. एक-दूसरे पर तोहमतें लगाने की होड़ मची है. इसके लिए बाकायदा मीडिया को बुलाकर एक-दूसरे को भला बुरा कहा जा रहा. मगर सड़कों पर गड्ढों की भरमार और इस वजह से अमरावती वासियों की जान सांसत में आने की परवाह शायद उन्हें नहीं है.