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साईं बाबा ट्रस्ट के तीनों प्लॉट पब्लिक इस्तेमाल हेतु

बरसों के विवाद पर वरिष्ठ श्रेणी दिवानी न्यायाधीश का फैसला

* एड. अशोक जैन, छाबड़ा, चव्हाण की पैरवी
* मनपा के खिलाफ लगा स्टे हटाया
अमरावती/दि.5 – विद्यमान 9 वीं सह दिवानी न्यायाधीश मनीषा नारायण चव्हाण ने बरसों पुराने साईंबाबा ट्रस्ट के तीन बड़े प्लॉट को सार्वजनिक करार देकर अपने कानूनन अधिकार में उपयोग में लाने का फैसला सुनाया है. इसे जनता की बड़ी जीत बताया जा रहा है. कोर्ट ने वादियों को झटका देते हुए 2211, 1960, 1496 वर्ग मीटर के तीनों प्लॉट का कब्जा ट्रस्ट का है, यह मान्य किया. न्यायाधीश ने स्पष्ट उल्लेख किया कि यह प्लॉट सार्वजनिक उपयोग के लिए निर्धारित है साथ ही मनपा के खिलाफ लगाया गया स्टे भी हटा दिया. इस मामले में शहर के वरिष्ठ वकील एड. अशोक जैन ने मनपा की तरफ से सफल पैरवी की. उन्हें एड. ऋषि छाबड़ा और मनपा विधि अधिकारी श्रीकांत सिंह चव्हाण का साथ मिला.
* 1971 मेंं बना साईंबाबा न्यास
साईंबाबा नगर निर्माण मंडल भागीदारी पेढ़ी के पांच भागीदार भोजराज नारायणदास राठी, चंद्रकांत विष्णुपंत नाईक, देवकिसन बालकिसन लखोटिया, सुंंदरनारायण बद्रीनाथ हेडा और अनंत सदाशिव देवपुजारी ने सर्वे नं. 23 में 28 एकड़ 43 गुंठे जमीन ले आऊट में परिवर्तित कर प्लॉट नं. 87 क्षेत्रफल 2211 वर्ग मीटर खेल के मैदान हेतु, प्लॉट नं. 121 क्षेत्रफल 1960 वर्गमीटर प्राथमिक विद्यालय हेतु, प्लॉट नं. 122 क्षेत्रफल 1496 वर्गमीटर जलतरण के लिए और प्लॉट नं. 124 क्षेत्रफल 7955. 4 वर्गमीटर बगीचे के लिए, जिसके एक कोने में मंदिर निर्धारित कर मनपा से मंजूरी प्राप्त की. इन्हीं लोगों ने साईंबाबा न्यास की स्थापना 27 मई 1971 को की. धर्मदाय आयुक्त कार्यालय में इसका पंजीयन भी किया गया. इस न्यास में उपरोक्त पांचों लोग ट्रस्टी रहे. समय के साथ तरणताल बंद कर दिया गया. प्राथमिक स्कूल की इमारत ढह गई. खेल के मैदान में नीचे चार दूकान और ऊपर हॉल आदि निर्माण मनपा की अनुमति लिए बगैर किया गया. ऐसे ही प्लॉट नंबर 87, 121 और 122 के चारों ओर फेंसिंग कर वहां गेट और ताला लगाकर उसका सार्वजनिक उपयोग बंद कर दिया गया था. ट्रस्ट के इस निर्णय का साईनगगर में रहने वाले लोगों ने विरोध किया. फिर मनपा से इस बारे में गुहार लगाई. मनपा ने ट्रस्ट को 18.9.2014, 2.12.2014, 23.2.2015 और 5 मार्च 2015 को नोटीस जारी किए. जिसमें मनपा ने उक्त प्लॉट पर बनी इमारतें, निर्माणकार्य ढहाने की चेतावनी दी थी.
न्यास ने मनपा की नोटीस पर दिवानी न्यायालय से स्टे प्राप्त कर लिया. न्यास की ओर से प्रभाकर देवपुजारी, शरद दातेराव, नरेंद्र राठी, अशोक राठी, ओमप्रकाश हेडा, संजय लखोटिया, रामकिशोर सिकची, रमेश शिरभाते, किशोर वडनेरे, श्रीमती इंदू कडू ने कोर्ट में अर्जी दी थी.
अर्जी पर उपरोक्त न्यायालय में लंबी सुनवाई चली. एड. अशोक जैन ने मनपा की तरफ से जोरदार पक्ष रखा और सफल उलट तपासनी कर मनपा की नोटीस का अधिकार स्पष्ट किया. कोर्ट ने गत जून में फैसला सुनाते हुए ऊपर उल्लेखित प्लॉट को सार्वजनिक करार दिया है.
तीनों प्लॉट पर ट्रस्ट का हक
ट्रस्ट के वकील एड. सतीश सारडा ने बताया कि कोर्ट ने साईनगर के ऊपर उल्लेखीत तीनों प्लॉट पर साईंबाबा ट्रस्ट का अधिकार मान्य किया है. ट्रस्ट इस बारे में निर्णय करने का हक रखता है.
स्टे हटाया
मनपा के वकील एड. अशोक जैन ने स्पष्ट किया कि मनपा के विरुद्ध दिया गया स्टे कोर्ट ने निरस्त कर दिया है. जिससे मनपा अब जनता के हित में निर्णय करने खुली है.

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