अमरावती

विदर्भ के सभी व्याघ्र प्रकल्प तथा वन पर्यटन बंद

‘ब्रेक द चेन’ के मद्देनजर वनविभाग ने लिया निर्णय

अमरावती/दि.15 – मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प सहित विदर्भ क्षेत्र के सभी व्याघ्र प्रकल्पों एवं वन पर्यटन को आगामी 30 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया गया है. कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु सरकार द्वारा लागू किये गये ‘ब्रेक द चेन’ अंतर्गत प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओें के तौर पर वनविभाग ने यह निर्णय लिया है.
बता दें कि, विदर्भ के मेलघाट सहित ताडोबा-अंधारी एवं पेंच व्याघ्र प्रकल्प को पर्यटकों द्वारा अच्छाखासा पसंद किया जाता है. किंतु विगत एक वर्ष से कोविड संक्रमण के चलते वन पर्यटन पर काफी प्रभाव पडा है. एवं इस पर निर्भर रहनेवाले उद्योगोें व व्यवसायों पर भी विपरित परिणाम हुआ है. गत वर्ष लॉकडाउन खत्म होने के बाद दीपावली के मुहाने पर व्याघ्र प्रकल्पों में पर्यटन को अनुमति मिली थी. किंतु इसके बाद महज 6 माह के भीतर व्याघ्र प्रकल्पों को कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए बंद कर दिया गया है. ऐसे में वन पर्यटन पर पर निर्भर रहनेवाले व्यवसायियों में चिंता का वातावरण देखा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले हुए निर्णयानुसार एक सप्ताह पूर्व वन पर्यटन पर कुछ निर्बंध लगाये गये थे. जिसके अनुसार 30 अप्रैल तक प्रत्येक शनिवार व रविवार को मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प, पेंच व्याघ्र प्रकल्प, बोर व्याघ्र प्रकल्प सहित उमरेड-पवनी-कर्‍हांडला व्याघ्र प्रकल्प को बंद रखने का निर्णय लिया गया था. वहीं टिपेश्वर अभयारण्य को एक सप्ताह पूर्व ही बंद कर दिया गया था. किंतु अब मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे द्वारा ‘ब्रेक द चेन’ अभियान अंतर्गत संचारबंदी घोषित किये जाने के चलते विदर्भ के सभी अभयारण्यों को 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक अथवा अगले आदेश तक बंद रखा जायेगा. इस दौरान जिन लोगोें ने व्याघ्र प्रकल्पों में जंगल सफारी हेतु ऑनलाईन बुकींग की थी, उन्हें उनके द्वारा भरी गई पूरी रकम आगामी छह माह के भीतर ई-वॉलेट के जरिये वापिस लौटा दी जायेगी.

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