आषाढ़ी वारी में एक पालकी के साथ 10 भाविकों को दें अनुमति
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटोले से विश्व वारकरी सेना की मांग
अमरावती/दि.12 – इस वर्ष आषाढ़ी वारी कुछ वारकरियों की उपस्थिति में होनी चाहिए. जिसके लिये एक पालकी के साथ 10 भक्तों को वाहन से पंढरपुर जाने की अनुमति दी जाये, इसके साथ ही कोरोना जांच के बाद निगेटिव रिपोर्ट आने पर रिपोर्ट भी दिखाने के लिये वारकरी तैयार है. ऐसी गुहार विश्व वारकरी सेना की ओर से महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले से लगाई गई.
नाना पटोले को सौंपे गये पत्र में वारकरियों का कहना है कि गत वर्ष कोरोना के कारण पंढरपुर की वारी नहीं हो पाई. लेकिन इस वर्ष सम्मान की 9 पालकियों के साथ विदर्भ की 40 पालकियां पैदल पंढरपुर जाने हेतु अनुमति दी जाये. जिसके चलते नियमों को ध्यान में रखते हुए वारकरियों व्दारा उसका पालन किया जाएगा. वारी के लिये निकलते समय सभी वारकरी कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे व पंढरपुर में स्वतंत्र मठ में एक दिन रुकने के साथ ही आते-जाते समय किसी के संपर्क में नहीं आयेंगे. वारकरियों को वाहन की पास निकाल कर दी जाए, जिससे वे विठोबा के दर्शन हेतु षष्ठि से लेकर उत्तर पूर्णिमा तक एक दिन पंढरपुर में निवास कर सकेंगे.
प्रत्येक पालकी को 10 हजार मानधन दें
पालकी समारोह के लिये प्रशासकीय मीटिंग लगाने के साथ ही विदर्भ की आषाढ़ी वारी के लिये पंढपुर जाने वाली पालकियों के प्रमुख तथा प्रशासक की मीटिंग लेकर उनकी समस्या जाने. पालकी समारोह को वाहन व भोजन का खर्च प्रति पालकी 10 हजार रुपए सरकारी मानधन दिये जाने की मांग भी विश्व वारकरी सेना ने नाना पटोले से विभागीय आयुक्त कार्यालय में बैठक में की गई. इस समय विदर्भ से प्रशासकीय बैठक लेने की मांग पालकमंत्री यशोमती ठाकूर ने भी की. इस समय विश्व वारकरी सेना के संस्थापक अध्यक्ष अभय गणेश महाराज शेटे,रामकृष्ण महाराज अंबुजकर,शिवाजी महाराज अमृतकर,विक्रम महाराज शेटे, ज्ञानेश्वर महाराज पांतोडे, सोपान महाराज उकर्डे,कपिल ढोके,गजानन पुंडकर,अशोक मानकर, शिवाजी बावसकर आदि उपस्थित थे.