‘आनंदाचा शिधा’ के साथ ही तीन मुफ्त सिलेंडर की घोषणा भी हवाहवाई
मार्च माह की डेडलाईन हुई खत्म, रकम नहीं मिलने से लाभार्थी महिलाओं में असंतोष

* 7 लाख से अधिक कुटूंब प्रमुख गैस सिलेंडर की रकम से वंचित
अमरावती /दि.3- ‘आनंदाचा शिधा’ के साथ-साथ अब सार्वजनिक वितरण व्यवस्था की तीन निशुल्क गैस सिलेंडर वाली योजना ने भी नागरिकों धोका दिया है तथा जिले के 7 लाख से अधिक कुटूंब प्रमुख अब भी गैस सिलेंडर की रकम से वंचित है. सरकार द्वारा पैसा ही आवंटित नहीं किए जाने के चलते लाभार्थियों के खाते में रकम जमा नहीं हुई है, यह अपने आप में एक हकिकत है. वहीं अब प्रशासन व गैस कंपनियों द्वारा एक-दूसरे पर जिम्मेदारी ढकेलने का काम किया जा रहा है.
बता दें कि, महायुति में शामिल तीनों प्रमुख दलों ने गैस कनेक्शन धारक महिलाओं को तीन गैस सिलेंडर निशुल्क देने की घोषणा की थी और चुनाव के समय इस योजना का काफी गाजाबाजा भी किया गया था. इस हेतु उज्वला गैस योजना की लाभार्थी महिलाओं सहित अपने नाम पर गैस कनेक्शन रहनेवाली लाडली बहनों को पात्र माना गया था. इस घोषणा के अनुसार मार्च 2025 के अंत तक उठाए गए सिलेंडरो में से तीन सिलेंडरों की रकम राज्य सरकार द्वारा अदा की जानी थी. परंतु हकिकत में ऐसा नहीं हुआ. कुछ महिलाओं को केवल एक सिलेंडर निशुल्क मिला. वहीं अधिकांश महिलाओं को ऐसा कोई सिलेंडर ही नहीं मिला. जिसके चलते दोनों संवर्ग की पात्र रहनेवाली महिलाओं में अच्छी-खासी नाराजगी देखी जा रही है.
जिला प्रशासन के मुताबिक रकम वितरण की ऑनलाईन प्रणाली को बदला जा रहा है. जिसके चलते यह रकम अटकी हुई है. वहीं उधर राज्य सरकार ने पैसा ही आवंटित नहीं किया है. इधर गैस कंपनियों का कहना है कि, लाभार्थियों की सूची व रकम इन दोनों बातों की पूर्तता होते ही संबंधित लाभार्थियों के खातों में पैसा तुरंत जमा करा दिया जाएगा.
बता दें कि, उज्वला गैस योजना की 1 लाख 67 हजार 14 लाभार्थी महिलाओं सहित जिन महिलाओं के नाम पर लाडकी बहिण योजना के पहले से गैस कनेक्शन है, ऐसी 6 लाख 87 हजार 750 महिलाओं को इस योजना हेतु पात्र माना गया. जिसमें से कुछ लाभार्थी महिलाओं के खाते में एक सिलेंडर की रकम जमा हुई है. परंतु दूसरे व तीसरे सिलेंडर को उठाए जाने के बावजूद भी उन्हें शेष दो सिलेंडरों की रकम नहीं मिली. वहीं कई महिलाओं को एक भी सिलेंडर की रकम नहीं मिली है. ऐसे में सभी लाभार्थी महिलाएं बीच-बीच में गैस वितरक के पास जाकर लाभ की रकम के बारे में पूछताछ करती है, परंतु इस व्यवहार में गैस वितरक का कोई संबंध नहीं रहने के चलते वे लाभार्थी महिलाओं को निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं बता सकते. ऐसे में सभी लाभार्थी महिलाओं को निराश होकर वापिस लौटना पडता है. कई महिलाओं ने अन्न धान्य वितरण अधिकारी के कार्यालय पहुंचकर भी पूछताछ की. लेकिन उन्हें वहां से भी योग्य जानकारी नहीं मिली.
* क्या है योजना?
उज्वला गैस योजना में शामिल महिलाओं को राज्य सरकार द्वार आधी रकम दी जाती है. परंतु इस नई योजना के अनुसार आर्थिक वर्ष के अंत तक उन्हें तीन सिलेंडर पूरी तरह निशुल्क दिए जाने थे. वहीं शेष सिलेंडरों की 50 फीसद रकम राज्य सरकार द्वारा अदा की जाएगी. लगभग यही समिकरण लाडली बहन योजना की पात्र महिला लाभार्थियों के लिए भी है. जिसके तहत उनके द्वारा सालभर के दौरान खरीदे जानेवाले तीन सिलेंडरों की पूरी रकम उनके बैंक खाते में जमा होनेवाली थी.
* गैस कंपनियों ने सरकार की ओर दिखाई उंगली
इस संदर्भ में आयओसी, एचपीसी व बीपीसी इन तीनों गैस कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ संपर्क करने का प्रयास करने पर एक कंपनी के प्रतिनिधि ने सीधे राज्य सरकार की ओर उंगली दिखा दी. इस प्रतिनिधि के मुताबिक भले ही गैस कंपनियों का नियंत्रण केंद्र सरकार के पास है, परंतु यह योजना राज्य सरकार की है. अत: सरकार द्वारा पैसे दिए जाते ही संबंधित लाभार्थियों के खातों में रकम जमा करा दी जाएगी. जिसके लिए मैपिंग पूरी हो चुकी है.
* संबंधित मंत्री से जल्द की जाएगी बात
इस बारे में अमरावती की वियकधा सुलभा खोडके से जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क साधे जाने पर उन्होंने कहा कि, वे इस मुद्दे पर संबंधित मंत्री से बात करेंगी. तीन निशुल्क गैस सिलेंडर की योजना सरकार की फ्लैगशिट योजनाओं में से एक है. जिसके जरिए समाज को एक बडी राहत मिलनी है. सरकार द्वारा की गई घोषणा के अनुसार पात्र महिलाओं को गैस सिलेंडर की रकम मिलनी ही चाहिए, ऐसा उनका स्पष्ट मानना है.
* कनव्हर्शन के चलते रकम अटकने की संभावना
जिला आपूर्ति अधिकारी निनाद लांडे के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को दी जानेवाली रकम का पोर्टल बदला जा रहा है और विगत एक माह से उस पर काम चल रहा है. पुराने पोर्टल को बदलकर ‘स्पर्श’ नामक नया पोर्टल तैयार किया जा रहा है. संभवत: इस वजह से निशुल्क सिलेंडर योजना की रकम अटक गई है. इस पर समाधान निकालने का काम चल रहा है.