ठंडी के साथ ही बच्चों में सर्दी-खांसी का प्रमाण भी बढा

अमरावती /दि.26– नवंबर माह के अंत से कभी बेमौसम बारिश हो रही है, तो कभी तेज धुप तप रही है. वहीं अब पारा अचानक ही काफी तेजी से लुढक गया है और ठंड का प्रमाण काफी अधिक बढ गया. जिसके परिणाम स्वरुप सर्दी-खांसी व बुखार के मरीज बढ गये है. विशेष तौर पर छोटे बच्चे इसकी चपेट मेें सबसे अधिक आ रहे है और अस्पतालों में भी सर्दी-खांसी व मौसमी बुखार से पीडित रहने वाले मरीजों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा दिखाई दे रहा है.
* सर्दी-खांसी के मरीज बढे
बदलते मौसम की वजह से इन दिनों सर्दी-खांसी के मरीजों में अच्छा खासा इजाफा हो गया है. इसमें भी छोटे बच्चों का प्रमाण सबसे अधिक है.
* सरकारी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की भीड
सर्दी-खांसी का प्रमाण बढने के साथ ही सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों का प्रमाण काफी हद तक बढ गया है और ओपीडी में आने वाले ज्यादातर मरीज सर्दी-खांसी से ही पीडित बताये जा रहे है.
* बच्चों के साथ ही बुजुर्गों का भी ख्याल रखना जरुरी
बदलते वातावरण का सर्वाधिक असर छोटे बच्चों सहित बुजुर्गों पर पडता दिखाई दे रहा है. उनकी रोगप्रतिकारक शक्ति कम रहने के चलते वे बहुत जल्दी सर्दी व खांसी के संक्रमण का शिकार हो जाते है. अत: बच्चों व बुजुर्गों का इस मौसम के दौरान विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए.
* 3 दिन तक खांसी बने रहने पर डॉक्टर से मिलें
वातावरण में होने वाले बदलाव की वजह से सर्दी व खांसी जोर पकड रहे है. परंतु ऐसी सर्दी-खांसी तीन दिन में ठीक भी हो जाती है. लेकिन यदि 3-4 दिन के बाद भी सर्दी खांसी से राहत नहीं मिलती है, तो फिर तुरंत ही डॉक्टर से मिलकर अपना इलाज करवाना चाहिए.
* कौनसे घरेलू उपाय करें
सोने से पहले नमक मिले गुनगुने पानी से गरारा करना चाहिए तथा गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए. इसके साथ ही लौंग को भुंजने के बाद उसका बारिक पाउडर बनाते हुए उसे शहद में मिलाकर उसका सेवन करना चाहिए. साथ ही इन दिनों लकडी के तौर पर मिलने वाले ज्येष्ठमध को चबाते रहना चाहिए. इसके अलावा इन दिनों बाहर के तले व भुने पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.