अमरावती

कोरोना के साथ ही सारी का भी कहर, एक साल में गई 330 जाने

दोनों बीमारियों के लक्षण होते है एक समान

  • अधिकांश सारी संक्रमितों में होता है कोविड संक्रमण

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२९ – विगत एक वर्ष के दौरान जहां एक ओर कोविड की संक्रामक महामारी कहर ढा रही है और इस बीमारी की वजह से जिले में अब तक 900 से अधिक मौतें हो चुकी है. वहीं दूसरी ओर कोरोना के साथ-साथ सारी नामक संक्रामक बीमारी की भी समस्या बनी हुई है. सिवियर एक्टिव रेस्पीरेटरी इंफेक्शन नामक यह बीमारी दिर्घ काल तक चलनेवाला फेफडों का संक्रमण है. जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है. साथ ही कोरोना एवं सारी के संक्रमण के लक्षण भी एक समान होते है और अधिकांश सारी संक्रमित आगे चलकर कोविड संक्रमित पाये जाते है. जिनमें से कई मरीजों की मौत भी होती है. अकेले अमरावती जिले में विगत एक वर्ष के दौरान सारी के संक्रमण की वजह से 330 मौतेें हुई है.
बता दें कि, बीते एक वर्ष के दौरान अमरावती जिले में सारी के 4 हजार 300 से अधिक मरीज पाये गये. जिसमें से 2 हजार 750 सारी संक्रमितों के थ्रोट स्वैब सैम्पल कोविड टेस्ट के लिए भेजे गये और इसमें से 730 मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटीव आयी. साथ ही सारी के साथ ही कोरोना संक्रमित पाये गये मरीजोें में से 104 मरीजों की मौत हुई. वहीं दूसरी ओर कोविड निगेटीव रहनेवाले मरीजोें में से 330 सारी संक्रमितों की भी बीते एक वर्ष के दौरान मौत हुई है. ऐसे में इस संक्रमण के भयानक परिणामों का अंदाजा लगाया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक विगत सितंबर माह में सारी के सर्वाधिक 96 मरीजोें की मौत हुई. साथ ही बीते अगस्त से नवंबर तक चार माह के दौरान बडी संख्या में सारी संक्रमित मरीज पाये गये.

  • निमोनिया व टीबी के मरीजों को होता है सारी संक्रमण का खतरा

निमोनिया व टीबी जैसी विषाणुजन्य व संसर्गजन्य बीमारियों से पीडित मरीजोें को भी सारी का संक्रमण हो सकता है. हालांकि सारी अपने आप में संक्रामक बीमारी नहीं है. इस बीमारी में मरीज को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है और अक्सर उनकी कोविड टेस्ट करने पर पहली रिपोर्ट निगेटीव आती है. निगेटीव रिपोर्ट आने पर ऐसे मरीजों को सारी संक्रमित मानकर उनका इलाज किया जाता है. साथ ही अगर मरीज की रिपोर्ट पॉजीटीव आती है, तो उन्हें कोविड अस्पताल में भरती कराते हुए उनका इलाज किया जाता है.

  • एक साल में सारी से हुई मौतेें

महिना                   मौतें
मार्च (2020)           02
अप्रैल                     00
मई                       33
जून                       23
जुलाई                   13
अगस्त                  76
सितंबर                  96
अक्तूबर                   28
नवंबर                    11
दिसंबर                   08
जनवरी (2021)       15
फरवरी                   12
मार्च                      13
कुल                      330

सारी यह बीमारी न होकर फेफडों में होनेवाला दीर्घकालीन इंफेक्शन है. इसमें मरीज को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है. कोरोना भी सारी के संक्रमण का ही एक हिस्सा है. यदि जांच के बाद कोविड की रिपोर्ट निगेटीव आती है और इसके बावजूद भी मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है, तो उसे सारी संक्रमित माना जाता है.

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