समाज को आरक्षण के साथ-साथ अच्छी शिक्षा व रोजगार के लिए सस्ते कर्ज की जरुरत
पूर्व सांसद,मंत्री हुसैन दलवाई का मानना
* मुस्लिम आरक्षण हक्क परिषद/ सत्ता में हमारी भागीदारी कार्यक्रम में जुटे समाज के दिग्गज नेता
* प्रमुख वक्ताओं ने भाषण से समाज की समस्याओं को रखा सामने
* जितनी भागीदारी, उतनी हिस्सेदारी की उठी मांग
अमरावती/दि.9– आज समाज को आरक्षण के साथ ही साथ अच्छी शिक्षा में आगे बढने का मौका भी मिलना चाहिए. साथ ही रोजगार के लिए अच्छे कारखानें और उन कारखानों को शुरू करने के लिए सरकार की ओर से सस्ते कर्ज मिलने चाहिए. मुस्लिम समाज को अच्छे घर मिलने चाहिए. ऐसा मानना पूर्व सांसद व मंत्री हुसैन दलवाई का हैं. वे स्थानीय वलगांव रोड स्थित अलफजर हॉल में रविवार 8 सितंबर की दोपहर 2 बजे छत्रपती शिवाजी महाराज मुस्लिम ब्रिगेड व विदर्भ मुस्लिम इंटेक्चुअल फोरम की ओर से आयोजित मुस्लिम आरक्षण हक्क परिषद व सत्ता में हमारी भागीदारी कार्यक्रम में बोल रहे थे. पूर्व सांसद दलवाई ने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि आज जब समाज में जब कोई इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता हैं तो उसे कहते हैं कि सिर्फ चुनाव आने के समय ही ऐसे कार्यक्रम क्यों लिए जाते हैं. जबकि उन्हें यह नहीं पता की समाज को ऐसे कार्यक्रम की बहुत अधिक जरुरत हैं. हमने भी कई बार ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की कोशिश की मगर समाज के ही कुछ लोग कहते हैं कि कव्वाली, मुशायरा या कोई धार्मिक आयोजन करों. मगर हमारा मानना हैं कि ऐसे कार्यक्रम से समाज के युवाओं को नई जागृति व मार्गदर्शन मिलता हैं.
आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्ष दारुल उलूम हुसैनिया के प्रमुख मौलवी अब्दुल मुसव्विर नदवी ने की. इस समय प्रमुख वक्ता के रुप में आजाद सामाज पार्टी के प्रदेश कार्याध्यक्ष इम्तियाज पीरजादे, समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव परवेज सिद्दीकी, एड. जिया खान, एड. आबिद हुसैन मौजूद थे. इस समय कार्यक्रम में प्रमुख अतिथी के रुप में आजाद समाज पार्टी के लीगल सेल अध्यक्ष एड. तौसीफ शेख, कांग्रेस शहर उपाध्यक्ष हाजी नजीर खान बीके, आईयुएमएल के युवा प्रदेश अध्यक्ष इमरान अशरफी, विदर्भ उर्दू सा.स. अध्यक्ष मेराज खान पठान, कांग्रेस अल्पसंख्यक जिलाध्यक्ष मुकद्दर खां पठान, चांदुर बाजार नप पूर्व अध्यक्ष मुजफ्फर हुसैन, जाकरिया फा.अध्यक्ष जावेद जकरिया(अकोला), पूर्व नगर सेवक साजिद फुलारी (परतवाडा), रा.सं. तहरीक उलमा-ए-हिंद मौलवी रहेमत नदवी, पूर्व जिप सदस्य अजीज पटेल, डॉ. सै. अबरार, आजाद समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव मनीष साठे, दैनिक अमरावती मंडल के संपादक अनिल अग्रवाल,हाजी मुस्ताक बडनेरा, हाजी मो. सईद, मुजम्मिल खान, बापु जमदार (जलगांव), आरपीआई के बापुराव वानखडे, अफसर बेग (अं.सु.) डॉ. आबीद हुसैन, नजीब खान, आदि उपस्थित थे. इस समय पूर्व मंत्री हुसैन दलवाई ने आगे कहा कि हमारे देश में कारागीरों की कमी नहीं हैं. हमारे यहां अच्छा कपडा बनता हैं. मगर उसे अच्छा मार्केट नहीं मिल पाता, क्योंकि उस पर जीएसटी और अन्य कर लग जाते हैं. वही जब बांग्लादेश से माल आता हैं तो वह सस्ता रहता हैं. हमारे देश के मजदूरों को सस्ता कर्ज मिलना चाहिए ताकि अच्छे कारखाने खुल सके. सभी को रोजगार मिल सके. दलवाई ने कहा कि बार बार कहा जाता हैं कि हमने कौम के लिए कुछ नहीं किया. मगर मुस्लिम आरक्षण की मांग को लेकर हमने सबसे पहले बैठकें आयोजित की. आज हमें आरक्षण के साथ साथ ही अच्छी और उच्च शिक्षा की भी जरुरत हैं. साथ ही हम सब को यह भी कसम खानी होगी कि अपने बच्चों के साथ-साथ पडोसी के बच्चों को भी शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करें. आज समाज में सब अपने बारे में सोच रहे हैं, जबकि अमीर और अमीर बनने की चाह रखता हैं. वह गरीब के बारे में कभी नहीं सोचता. पूराने मराठा नेताओं ने अपनी आने वाली पीढीओं के लिए स्कूल, कॉलेज खोल कर रखे हैं, मगर हमारे समाज के बडे लोगों व नेताओं ने कभी समाज के बारे में नहीं सोचा. हमारी कौम में महिलाओं को सभी चीजों में बराबर का हक मिला हैं. जहां बेटी को बाप की जायदाद में बराबरी का हक हैं वही शिक्षा के लिए भी बेटियों को हक दिया गया हैं. इस लिए आरक्षण के साथ-साथ समाज की महिलाओं की उन्नती के बारे में भी सोचना बहुत जरूरी हैं. उन्होंने आवाहनात्मक रुप से कहा कि वोंट उसे मत दो जो सत्ता की सुने, हिंदू-मुस्लिमों को लडाने की बात करें. बल्कि वोंट उसे दो जो हिंदू-मुस्लिम एकता की बात करता हो. क्योंकि हिंदूओं जब तक तरक्की नहीं होती, मुस्लिमों की तरक्की भी नहीं हो सकती. उन्होंने आगे कहा कि हमने हमेशा मुस्लिम आरक्षण व मुस्लिम उम्मीदवार की बात की हैं. हमने आलाकमान तक बात पहुंचाई हैं कि प्रसेंटेज के हिसाब से मुस्लिम उम्मीदवार दें. उसके लिए हमने अ,ब,क,ड के हिसाब से डाटा तैयार किया हैं. जहां जिस समाज के मतदाता अधिक हैं, वहां उस समाज का उम्मीदवार दें.ऐसी मांग हमने रखी हैं. आज होता यह है कि पार्टी जहां जिस समाज के मतदाता अधिक होते हैं, वहां किसी और समाज के उम्मीदवार को खडा कर जिताया जाता हैं. जो फिर जनता की नहीं सुनता सिर्फ अपने बडे नेताओं के कहने पर चलता हैं. जिससे जनता का भला नहीं हो पाता. आज लोकसभा में हमारे सिर्फ 24 प्रतिनिधी हैं. जो कि हमारा प्रतिनिधित्व घटाकर सिर्फ 6 प्रतिशत कर दिया गया हैें. दलवाई ने मंच के माध्यम से कांग्रेस आलाकमान से मांग की हैं कि महाराष्ट्र में 288 सीटों में से कम से कम 24 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार खडा कर समाज को मौका दिया जाए. कार्यक्रम का संंचालन शायर इकबाल साहिल ने किया. स्वागत भाषण याह्या खान पठान व प्रास्ताविक मेराज खान पठान ने किया. आभार शाहिद सिद्दीकी ने माना. इस समय छ.प.शिवाजी महाजार ब्रिगेड में प्रवेश करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.कार्यक्रम का संयोजन डॉ. बशीर पटेल, दिलबर शाह, शेख युसुफ, हाजी समीउल्ला खां. अरबाज खां पठान ने किया. इस समय आयोजन समिती के सलीम जावेद खान, इमरान खान, वहीद खान, रहेमत खान, डॉ. असलम भारती, अब्दुल मतीन, असरार आलम, फिरोज खान, आगाज चौधरी, शब्बीर कुरैशी, हाजी आहद काजी, गुड्डु पठान, अजमत शाह, अशरफ नगरिया, मो. जाकीर, अब्दुल भाई टेलर, रियाज खान, अ. नदीम, इकबाल साहिल, यासीर भारती, सै. जुबैर हुसैन, नईम खान, रफीक सौदागर, सादिक मंसूरी, मिर्जा जाहेद बेग, अ. जमीर, डॉ. जुबेर अहमद, इस्माईल लालूवाले, प्रा. एजाज अहेमद खान, अकरम पठान, नजमा काजी, रादील मुसानी, सै. अजहर अतारी, सै. शकील, अहमद ठेकेदार, सै. अफसर अली, शमीम खान, रउफ पटेल, अजमत खान, सऊद खान, शेख कलीम सहित अनेक नागरिक मौजुद थे.
अपने भीतर शिक्षा की ताकत पैदा करों
अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान दारूल उलूम हुसैनिया के मोहतमिम मौलवी अब्दुल मुसव्विर नदवी ने कहा कि अगर हमने जब तक अपने हक के लिए आवाज नहीं उठाई तब तक हमें कोई खत्म नहीं कर सकता. अपने भीतर शिक्षा की इतनी ताकत पैदा करों की आपके दुश्मन आपके सामने खडे होने से डरे. खुद को तालीमी स्तर पर मजबूत करने की बात मौलवी मुसव्विर ने कही.
जहां हमारी हिस्सेदारी है, वहां हमारी भागीदारी
अपने स्वागत व प्रास्ताविक भाषण में निवेदक याह्या खान पठान ने कहा कि रिजर्वेशन सिर्फ रोजी रोटी का मसला नहीं है. बल्कि समाज में इक्वलिटी बनाने का काम आरक्षण करता हैं. दो तबकों में बराबरी पैदा करना, खान ने कहा कि जिन सरकारों ने मुस्लिम समाज के वोटो से सत्ता का भोग किया. वो भी मुस्लिम आरक्षण के लिए आवाज नहीं उठा पाए. समाज के साथ हमेशा मॉब लिचिंग जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा हैं. सरकारी नौकरियों में, शिक्षा में मुसलमानों का प्रतिशत कम हो रहा हैं. यहां इसीलिए आरक्षण का मुद्दा उठाया हैं. हमने कई पार्टियों के विरोध झेले मगर महाविकास आघाडी में आने के बाद उसके उम्मीदवारों को भर-भर कर वोंट दिए. लेकिन अब जहां हमारी हिस्सेदारी है, वहां हमे भागीदारी मिलनी चाहिए. याह्या खान ने इस समय छ.प.शि. महाराज ब्रिगेड के सामाजिक कार्यो का उल्लेख किया साथ ही संगठन के मार्फत पुलिस भर्ती में सफल हुए युवाओं का मोमेन्टो देकर स्वागत भी किया गया.
संचालन के दौरान अपने प्रास्ताविक भाषण में हाजी मेराज खान ने कहा कि पहले राज्य की विधानसभा के लिए 25 विधायक चुने जाते थे. लेकिन अब इक्का-दुक्का मुस्लिम विधायक ही विधानसभा के लिए चुने जाते हैं. उन्होंने कहा कि सेक्युलरिज्म के नाम पर मुस्लिमोें के वोट लेने वाली पार्टीयों ने भी मुस्लिम आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया हैं. कांग्रेस-रांका की तत्कालीन राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव के ऐन पहुले बिना किसी तैयारी के सिर्फ वोंटों की खातिर मुस्लिमों को आरक्षण दिया था. अध्यादेश व्दारा जारी किया गया. आरक्षण अदालत में टिक नहीं पाया. इसके बाद आयी सरकार ने इस आरक्षण वाले अध्यादेश पर कई ध्यान नहीं दिया. हाईकोर्ट ने मुस्लिम आरक्षण की हिमायत की. लेकिन इस आरक्षण को लेकर भी कोई प्रास नहीं किए गए. जबकि आज के समय में मुुस्लिम समाज को शैक्षणिक आरक्षण के अलावा सरकारी निजी नौकरियों में भी आरक्षण की जरुरत हैं. हाजी मेराज ने अमरावती शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों के विकासात्मक पीछडेपन व कई सालों से बन रहे उडान पुल का जिक्र भी अपने वक्तव्य में किया.
मुंह तक लाया निवाला वापस छिना
समाजवादी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एड. जिया खान ने अपने मार्गदशन भाषण में कहा कि आरक्षण मुस्लिमों को दिया जाए कि नहीं इस पर कई बार डिबेट हो चुकी हैं. मगर इसका हल निकल नहीं पाया. यह एक ऐसा निवाला हैं जिसे कई बार मुस्लिम समाज के मुंह तक लाया गया और वापस छिन लिया गया. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए रंगनाथन कमेटी, सच्चर कमेटी बनाई गई. मगर उसे लागु नहीं किया गया. यह मुद्दा सिर्फ चुनावों के समय ही उछाला जाता हैं किंतु असल में कुछ नहीं होता. अगर मुस्लिम समाज को पीछडेपन से उबारना हैं तो इन कमेटियों को लागू कर इनकी रिर्पोट पर अमल लाने की जरुरत हैं. तभी समाज आगे बढ सकता हैं.
2014 में मिला आरक्षण हमारे साथ खिलवाड
एड. आबिद हुसैन कहा कि आज कौम जो सबसे बडी समस्या से जुझ रही है वह है मुखबिरी, जासुसी? ऐसे लोग कौम को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. जो कि नहीं करना चाहिए. अल्लाह ने हमें जो नॉलेज दिया है वह कौम के सामने हमें रखने दिया हैं. एड. खान ने कहा कि मौलाना अब्दुल कलाम आजाद जब जिंदा थे. तब तो देश में मॉब लिचिंग जैसी घटनाएं नहीं होती थी. अब क्यों? 2014 में मिला आरक्षण हमारे साथ खिलवाड किया गया. ऐन चुनाव के टाईम हमें ऑर्डिनेंस को बदल दिया गया. हमने हर बार गठ्ठा वोट दिए. मगर हमारे साथ ही खिलवाड किया गया. अगर हम अपने हक की बात करते हैं तो हमें बी टीम सी टीम ठहरा दिया जाता हैं. अब नौबत यह तक आन पडी हैं कि हमने बगावत पर मजबूर किया जा रहा हैं. हम अपना हक मांग रहे हैं. जो हमें मिलना चाहिए. हमने 48 स्थानो पर साथ दिया. मगर राजनीति मेें हमारे लिए कोई जगह नहीं बची. यहां तक की आरीफ नसीम खान जैसे नेता को भी राजनीतिक भविष्य का हवाला देकर चुप करा दिया गया. अब हमें सरकार मेें हमारी हिस्सेदारी चाहिए. अगर अब हमें हमारी हिस्सेदारी नहीं मिली तो आगे विदर्भ में इसका नतीजा देखने को मिलेगा. एड. आबीद ने विदर्भ से कम से कम 2 से 3 कैंडिडेट कांग्रेस से खडे करने की मांग की.
हमारे नाम से हर कोई प्रसिध्दी पाना चाहता हैं
समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव परवेज सिद्दीकी ने कहा कि आज जो हालात मुुस्लिम समाज के हैं. उसके लिए हम खुद जिम्मेदार हैं. आज हम पूरे हिंदोस्तान में सर्वाइवर बन कर रह गए हैं. क्योंकि हमारे हक की बात कोई नहीं करना चाहता है, बल्कि हमे कोई अच्छा तो कोई बूरा कहकर खुद प्रसिध्दी पाना चाह रहा हैं. यह जमाना आपकों जाहिलीयत और अनपढ देखना चाहता हैं. हमारा आरक्षण नौकरियों में, शिक्षा में नहीं बढा बल्कि हमारे नौवजवानों को जेल में डाल कर जेल में प्रतिशत बढाया जा रहा हैें. हालात ऐसे हो गए है कि जहां मुस्लिम आबादी अधिक हो वहां पानी का प्रेशर ही कम कर दिया जाता हैं. ताकि हम पीने के पानी के लिए भी तरसे. राजनीति में जो मुसलमानो को जितना ज्यादा गाली देगा. उसका उतना ओहदा बढेगा. ऐसे हालात बन गए हैं. हमारे लिए महेमदुर्ररहेमान कमीशन, जस्टीस श्रीकृष्ण कमीशन बनाए गए मगर उस पर कोई अमल होता नहीं दिखाई देता. जस्टि. श्रीकृष्ण कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में जो मुस्लिमों के हालात सामने लाए वह सरकार के ध्यान में ही नहीं आ रही. अगर जब मुस्लिमों को न्याय ही नहीं दे सकते तो कमीशन या कमेटी क्यों बनाई जाती हैं. ऐसा सवाल सिद्दीकी ने उठाया.
कांग्रेस राज में मुसलमानों पर सबसे ज्यादा अपराध दर्ज
आजाद समाज पार्टी के प्रदेश कार्याध्यक्ष इम्तियाज पीरजादे ने अपने मार्गदर्शन भाषण में कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को मुसलमानों ने 60-70 सालों से वोंट दिए और सत्ता में लाए मगर सबसे ज्यादा मुसलमानों ुके बच्चों पर ही अपराध दर्ज हुए हैं. कांग्रेस नेता सिर्फ इफ्तार पार्टी में नजर आते हैं. मगर मुसलमानों की तकलीफों में नजर नहीं आते. हम पर सबसे ज्यादा ज्यादती हो रही हैं. मुसलमानों ने इन्हें बरसो तक राज करने का मौक दिया. मगर यह हमारे लिए बोल नहीं पाते है. क्योंकि इन्हें पता हैं कि अगर मुसलमानों के लिए कुछ बोले तो आला कमान इन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल देगा, इनकी टिकट काट देगा. पीरजादे ने इस समय बताया कि हमने जरांगे पाटील से चर्चा की उन्होंने कहा कि जैसे ही मराठा समाज को आरक्षण मिल जाएगा. वैसे ही हम मुस्लिम समाज के आरक्षण का मुद्दा भी उठाएगें.