सोयाबीन के साथ ही कपास के दाम में भी हुई गिरावट
नांदगांव खंडेश्वर/दि.24- तहसील के किसानों की कपास व सोयाबीन मुख्य फसल है. इस फसल के दाम पर ही किसानों का आर्थिक व जीवनचक्र अवलंबित है. लेकिन इन दोनों खेतमाल के भाव में खरीफ के मुहाने पर बरे पैमाने में गिरावट आयी है. कपास के दाम प्रति क्विंटल 7 हजार 200 रुपए तक नीचे आने से किसानों पर आर्थिक संकट मंडराया है.
गत वर्ष कपास उत्पादक किसानों को 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव मिला था. जिसके चलते इस वर्ष भी कपास को उच्चांकी भाव मिलेगा, ऐसी किसानों को उम्मीद थी. लेकिन किसानों की उम्मीद पर पानी फिर गया. मौसम में शुरुआत में कपास को 9 हजार तक दाम मिला. मर्ई महीना खत्म होते आने पर खरीफ मौसम करीब आया, बावजूद इसके कपास के दाम में वृद्धि होने की बजाय वह कम होकर 7 हजार 200 रुपए तक कम हो गया. नैसर्गिक आपत्ति से घिरे किसानों ने कपास की फसल कैसे तो भी घर लायी. समाधानकारक भाव मिलेगा, इस उम्मीद पर रहने वाले किासनों ने कपास की बिक्री कुछ महीने के लिए रोक दी. लेकिन किसानों की उम्मीद नाकाम रही. जिसके चलते उन्हें घर में जमा कर रखे कपास कम दाम में बेचना पड़ रहा है.
सोयाबीन सहित कपास के दाम में गिरावट आने से किसानों के आर्थिक परेशानी में वृद्धि हुई है. गत वर्ष सोयाबीन, तुअर, कपास इन मुख्य फसलों को नैसर्गिक फटका बैठने के बावजूद समाधानकारक भाव नहीं मिल रहा. खरीफ मुहाने पर आने से पैसों की आवश्यकता है. तब उसे कम भाव में ही खेतमाल बेचने बगैर पर्याय नहीं. नैसर्गिक आपत्ति, खेतमाल के उत्पादन में खर्च में होने वाली वृद्धि व मिलने वाला भाव इसमें काफी तफावत रहने से किसानों पर आर्थिक संकट मंडराया है.