अमरावती

ठिंबक सिंचन से पानी के साथ ही पैसों की भी बचत

कृषि विभाग से मिलता है 80 फीसदी अनुदान

बुंद-बुंद से होती है फसलों की सिंचाई
अमरावती/ दि.31 – राज्य में सन 2015-16 से प्रधानमंत्री कृषि सिंचन योजना अंतर्गत प्रति बुंद अधिक फसल संकल्पना पर अमल किया जा रहा है. जिसके तहत सुक्ष्म सिंचाई व जल व्यवस्थापन ऐसी दो पुरक संकल्पनाओं का भी समावेश किया गया है. इसमें केंद्र व राज्य सरकार की हिस्सेदारी का प्रमाण 60 व 40 फीसदी के अनुपात में है. योजना के तहत लाभार्थियों को 75 से 80 फीसदी अनुदान भी मिलता है, यानी पैसों की बचत के साथ ही कम पानी में अधिक आय की सुविधा किसानों को मिल रही है.
बता दें कि, जिले में विगत वर्ष 8 हजार 257 किसानों को 15.18 करोड रुपए के अनुदान का लाभ मिला है. इस योजना के तहत आधुनिक तंत्रज्ञान का प्रयोग करते हुए सुक्ष्म सिंचाई के क्षेत्र में वृध्दि करने, जल प्रयोग की कार्यक्षमता में वृध्दि करने तथा कृषि उत्पादन व किसानों की आय को बढाने का लक्ष तय किया गया है. इसके साथ ही सिंचाई योजना में भी किसानों को अनुदान दिया जाता है. इसके अलावा कृषि विभाग व्दारा स्प्रिंकलर व ठिंबक योजना सहित किसानों को फसलों के बारे में सलाह एवं मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराये जाते है.
अल्प व अत्यल्प भूधारकों के लिए 80 फीसदी अनुदान
इस योजना में अनुज्ञेय खर्च अथवा प्रत्यक्ष खर्च में से जो कम हो उसकी 80 फीसदी रकम अनुदान के तौर पर प्राप्त होती है. इसके तहत प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत 55 फीसदी व मुख्यमंत्री शाश्वत कृषि सिंचन योजना अंतर्गत 25 फीसदी अनुदान दिया जाता है.
महाडीबीटी पोर्टल पर कैसे करे आवेदन
जिन किसानों के पास अपनी खुद की खेती व पानी की सुविधा है, ऐसे किसानों व्दारा अपने 7/12 के दस्तावेज व आधार कार्ड को जमा करते हुए महाडीबीटी पोर्टल के जरिये योजना हेतु आवेदन किया जा सकता है.
जिले में 8257 किसानों ने लिया लाभ
इस योजना के अंतर्गत जिले में 8635 किसानों के आवेदन मंजूर हैं. जिसमें से 8257 किसानों के बैंक खातों में 15.17 करोड रुपए जमा किये गए है.
2 हेक्टेयर से अधिक खेतों के लिए 75 फीसदी अनुदान
जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि है, उन्हें प्रधानमंत्री कृषि सिंचन योजना से 45 फीसदी व मुख्यमंत्री कृषि सिंचन योजना से 30 फीसदी, ऐसे कुल 75 प्रतिशत अनुदान की प्राप्ती होती हैं.
गत वर्ष 8257 किसानों को 15.18 करोड रुपए का अनुदान मिला. इस योजना के चलते पेैसों के साथ ही पानी की भी बचत हो रही है और किसानों व्दारा बेहद कम पानी में सिंचाई करते हुए ज्यादा उत्पादन लिया जा रहा है.
– अनिल खर्चान, जिला अधिक्षक कृषि अधिकारी

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