अमरावती

श्मशान भूमि में फिर ‘वेटिंग’ का आलम

अंतिम संस्कार के लिए मृतदेहों को करना पड रहा है इंतजार

  • दाह संस्कार के लिए एक बार फिर जगह पडने लगी कम

अमरावती/दि.15 – विगत दो दिनों से अमरावती में कोविड संक्रमण की वजह से होनेवाली मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसके तहत मंगलवार को 8 तथा बुधवार को 13 संक्रमित मरीजों की मौत हुई. जिनके पार्थिवों को अंतिम संस्कार हेतु हिंदू श्मशान भूूमि में लाया गया. ऐसे में हिंदू श्मशान भूमि की गैस शवदाहिनी में एक बार फिर अंतिम संस्कार के लिए ‘वेटिंग’ वाली स्थिति बन गयी. साथ ही ऐन समय पर गैस शवदाहिनी की दो में से एक यूनिट में कुछ खराबी आने की वजह से कुछ कोविड संक्रमितों के पार्थिवों पर लकडी की चिता के जरिये अंतिम संस्कार किया गया. वहीं इस दौरान प्राकृतिक व अन्य वजहों के चलते मृत होनेवाले लोगों के पार्थिव भी अंतिम संस्कार हेतु हिंदू मोक्षधाम में लाये गये थे. ऐसे में गत रोज हिंदू मोक्षधाम में अंतिम संस्कार हेतु चबुतरे कम पड गये तथा कई पार्थिवों का अंतिम संस्कार चबुतरोें के बीच जमीन पर चिता बनाते हुए करना पडा.
जानकारी के मुताबिक मंगलवार को हिंदू मोक्षधाम में 16 कोरोना डेथ बॉडी तथा 13 सामान्य डेथ बॉडी अंतिम संस्कार के लिए पहुंची. वहीं बुधवार को 19 कोरोना डेथ बॉडी तथा 7 सामान्य डेथ बॉडी पर अंतिम संस्कार किया गया. इन आंकडों को देखकर कहा जा सकता है कि, हिंदू मोक्षधाम में लगातार शवों के अंतिम संस्कार का काम चल रहा है और यहां पर चौबीसौं घंटे चिताएं जल रही है. यह कुल मिलाकर बेहद भयावह स्थिति है.

अब लकडियां भी पडने लगी कम

इस समय हिंदू मोक्षधाम में जिस रफ्तार के साथ अंतिम संस्कार करने का काम चल रहा है, उसे देखते हुए यहां पर अब अंतिम संस्कार के लिए लकडियां भी कम पडने लगी है. ऐसे में गैस शवदाहिनी के दोनोें यूनिट को चुस्त-दुरूस्त करने के साथ ही एक नये यूनिट को स्थापित करने का पूरजोर प्रयास किया जा रहा है. जिसके लिए ऑर्डर भी दिया जा चुका है और बहुत जल्द करीब 42 लाख रूपये मूल्यवाली नई गैस शवदाहिनी हिंदू मोक्षधाम में स्थापित कर दी जायेगी. किंतु तब तक मौजूदा व्यवस्था से ही काम चलाना होगा. जिस पर इस वक्त काम का बोझ काफी अधिक है. जानकारी के मुताबिक मंगलवार को शवों के अंतिम संस्कार हेतु हिंदू मोक्षधाम में लकडियोें का स्टॉक पूरी तरह से खत्म हो गया था. जिसके बाद आनन-फानन में एक आरामशीन से लकडियां मंगायी गयी. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों हिंदू श्मशान भूमि में लकडियां फोडने का काम दिन-रात चल रहा है और अब लकडियां फोडनेवाले कर्मचारी भी बुरी तरह थक गये है और उन्होंने मंगलवार व बुधवार को लकडियां फोडने से मना भी किया. जिसके बाद उन्हें जैसे-तैसे मनाया गया.

श्मशान में दिखाई देने लगी महिलाओं की मौजूदगी

अमूमन हिंदू धर्म में महिलाएं किसी भी अंतिम संस्कार में शामिल होने हेतु श्मशान भूमि में नहीं जाती और धर्मशास्त्रोें में भी महिलाओं का श्मशान भूमि में जाना वर्जित किया गया है. किंतु इन दिनोें कोविड संक्रमण की वजह से मौत होने के बाद संबंधित मरीज के शव को अस्पताल से सीधे श्मशान भूमि में भेजा जाता है. ऐसे में अपने मृत परिजन के अंतिम दर्शन करने हेतु परिवार के अन्य सदस्यों के साथ महिलाएं भी श्मशान भूमि में पहुंचती है. जिसकी वजह से इन दिनों श्मशान भूमि में महिलाओं की अच्छीखासी मौजूदगी देखी जाने लगी है.

कभी ऐसे हालात की कल्पना नहीं की थी

हमारे जीवनकाल में कभी ऐसा भी वक्त आयेगा, हमने कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी. हालांकि हिंदू श्मशान भूमि में पहले से ही तमाम समूचित व अत्याधुनिक व्यवस्थाएं है. यहां पर अंतिम संस्कार हेतु विशाल परिसर व दो गैस शवदाहिनी है, जिसकी वजह से हालात काबू में है. लेकिन अब चिताओं के लिए लकडियों की किल्लत महसूस होने लगी है. इसके लिए कुछ तत्कालीक व्यवस्था की गई है. किंतु सबसे बडी समस्या यह है कि, हमारे यहां लकडी फोडने का काम करनेवाले चार कर्मचारी लगातार लकडियां फोडते-फोडते अब बुरी तरह थक गये है. इस समय हालात बेहद भयावह कहे जा सकते है और केवल उम्मीद की जा सकती है कि, यह स्थिति बहुत जल्द संभल जायेगी.

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