अमरावती

डिपीएस में अद्भुत अन्वेषण ‘५ वां मल्टीडायमेंशनल एक्जीबिशन’

अमरावती/ दि. १६-एक कलाकृति या रचना एक अद्वितीय स्वभाव का अद्वितीय परिणाम है. दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रांगण में बच्चों में अभिनव सोच को बढ़ावा देने तथा विभिन्न कौशलों को विकसित करने के उद्देश्य से भव्य बहुआयामी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रत्येक विद्यार्थी के अंदर कोई न कोई प्रतिभा छिपी होती है और इसी प्रतिभा को इस बहुआयामी प्रदर्शनी में बच्चों ने सबके समक्ष अपने विभिन्न मॉडल तथा
कलाकृतियों के माध्यम उजागर किया. जिसमें कक्षा नर्सरी से लेकर कक्षा ११ वी तक के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया. इस प्रदर्शनी में बतौर मुख्य अतिथि विजय ऋषि उपस्थित थे.उन्होंने इस आयोजन को अत्यंत नवीन, उत्कृष्ट एवं प्रेरणादायी बताया. प्रदर्शनी में कक्षा नर्सरी से कक्षा ११ के विभिन्न समूहों के छात्र-छात्राओं ने विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, इंग्लिश, मराठी भाषाओं, कृषि अनुसंधान और कम्प्यूटर विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों पर आधारित मॉडल बनाए. इसके लिए छात्रों ने बेस बोर्ड, कार्टन बोर्ड, चार्ट पेपर और अनुपयोगी पदार्थों एवं वस्तुओं का इस्तेमाल किया. प्रतिभागी छात्र-छात्राओं के माता-पिता अपने बच्चों के रचनात्मक कौशल को देखने आये, जिसमें विद्यार्थियों ने आवर्त सारिणी के गुण, विद्युत चुंबकीय प्रेरण, श्रेणीक्रम व समांतरक्रम में प्रतिरोध, कार्बन के अपरूप, खाद्य श्रृंखला, सौर मंडल ,ऊर्जा संरक्षण, ज्वालामुखी, हाईड्रोलिक ब्रिज, ऊष्मा का प्रसार, घुलनशील-अघुलनशील, कृषि हेतू सेंसर मॉडल्स तथा विभिन्न प्रकार के चर्तुभुज मॉडल आदि प्रदर्शित करते हुए विस्तारपूर्वक जानकारी दी। डीपीएस के छात्र छात्राओं ने अपने स्थैतिक एवं लाइव रनिंग मॉडल प्रदर्शित कर सभी को प्रभावित किया. जिस तरह कृत्रिम ऊर्जा स्त्रोत तेजी से घट रहे हैं उसे देखते हुए प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों पर नयी पीढ़ी की सोच प्रदर्शनी में दिखी है तथा इस मॉडल के द्वारा प्राकृतिक श्रोतों के उपयोगों पर जोर देना नए भारत की झलक को प्रस्तुत करता है. विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शनी में लगाए गए मॉडल का अतिथियों ने अवलोकन किया और बच्चों की प्रतिभाओं की प्रशंसा की.डीपीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डोलेंद्र पाटिल ने विद्यार्थियों को इसी तरह सुनहरे भविष्य की ओर बढने के लिए प्रेरित किया तथा प्राचार्य हिमाद्री शेखर देसाई ने अपने वक्तव्य में अभिभावकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से ही ऐसा आयोजन सफल हो सकता है क्योंकि विद्यार्थियों के बनाएँ परियोजना कार्य विद्यार्थी भले ही कमर्शियल न हो पर वे उनकी लगन व प्रयास को दिखाता है तथा उनको भविष्य की ओर अग्रसर करता है. सभी अभिभावकों ने भी छात्र-छात्राओं को इसी लगन से आगे बढने के लिए जागरूक किया और उनकी सृजनात्मकता को सराहते हुए सभी शिक्षकों को धन्यवाद दिया जिनकी मेहनत और सहयोग के कारण विद्यार्थियों का हौसला बुलंद हुआ और उन्होंने इस प्रदर्शनी में प्रतिभाग किया क्योंकि आधुनिक शिक्षा-पद्धति करके सीखने को प्रेरित करती है. जिसके लिए ऐसी ही प्रदर्शनी का आयोजन होना चाहिए जो छात्रों के मानसिक विकास के लिए तथा आने वाले भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होता है. प्रयोगात्मक कार्यो से छात्र-छात्राओं में सृजनात्मक तथा अविष्कारक क्षमता का विकास होता है. डीपीएस प्रांगण में पूरी भव्यता के साथ आयोजित इस बहुआयामी-प्रदर्शनी का सभी ने खूब लुत्फ उठाया.

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