गोवंश हत्या बंदी कानून लागू करने एकजुट हुए संतों समेत अंबानगरीवासी
रविवार को निकली गौेमाता संरक्षण यात्रा में उमडा जनसैलाब
* गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने का आह्वान
* यात्रा में महिलाएं बडी संख्या में हुई शामिल
* सभी ने सगर्व धारण की थी गौमाता राष्ट्रमाता अंकित टोपी
* मविआ नेताओं ने भी लगाई हाजिरी
अमरावती/दि.15- सकल हिंदू समाज की तरफ से रविवार शाम अमरावती शहर में गोवंश संरक्षण यात्रा निकाली गई. महाराष्ट्र राज्य में गौहत्या बंदी कानून लागू किया गया है. लेकिन उस पर कडाई से अमल नहीं हो रहा है. इस कारण अब केंद्र सरकार को गौहत्या व गौवंश हत्या बंदी कानून महाराष्ट्र राज्य के साथ संपूर्ण देश में लागू करने तथा गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग को लेकर गौमाता संरक्षण यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में साधु-संतों सहित शहर के नागरिक बडी संख्या मेंं शामिल हुए. इस यात्रा में महिलाओं ने बढचढकर हिस्सा लिया. शहर के गांधी चौक से रविवार की शाम 6 बजे के दौरान गौमाता संरक्षण यात्रा की शुरुआत हुई. सर्वप्रथम संतों के हाथों गौमाता का पूजन कर और आरती उतारकर परमपूज्य अनंत श्रीविभूषित जगद्गुरु रामनंदाचार्य श्री स्वामी रामराजेश्वराचार्य समर्थ माउली सरकार के हस्ते आरती की गई. उपरांत यात्रा की उत्साहपूर्ण शुरुआत हुई. गांधी चौक से शुरु हुई यह गौमाता संरक्षण यात्रा राजकमल चौक, श्याम चौक, जयस्तंभ चौक, मालवीय चौक से होते हुए इर्विन चौराहे पर पहुंची. इसका रुपांतर जनसभा में हुआ. यहां साधु-संतों ने अपने विचार व्यक्त किए. शोभायात्रा में शामिल जनसुमदाय ने सिर पर केसरी रंग की टोपी धारण किये हुए थे. हाथों में भगवा ध्वज लेकर जय श्रीराम- जय जय श्रीराम, हर हर महादेव, गाय फालतू नहीं पालतू है, जैसे नारे व जयकारे लगा रहे थे. संरक्षण यात्रा में बडी तादाद में तथा जोश से गौवंशप्रेमी सहभागी रहे.
गौवंश संरक्षण यात्रा के अग्र हिस्से में ग्यारह नदियों की बैलगाडियां थी. जिसमें गौरक्षण संस्था, गोकुलम संस्था, शिवशक्ति गौरक्षण चोरमाहुली, अग्निशेष भगवान गौरक्षण संस्था काटआमला, शिवशक्ति गौरक्षण सेवा संस्था रासेगांव, श्रीराम गौरक्षण रिद्धपुर, गोपालकृष्ण गौरक्षण वरुड, सिद्धबल हनुमान मंगलामाता गौरक्षण तलेगांव मोहना, जय जिनेंद्र ग्रुप गौशाला भातकुली, पंचकृष्ण गौरक्षण चिंचखेडा का समावेश रहा. बैलबंडियों के पीछे इस्कॉन मंदिर का भजनी मंडल और जैन समाज का नमोकार मंत्र जाप मंडल, गौमाता का रथ था.
सभी संत-महंत, सकल हिंदू समाज के प्रतिनिधि और विविध संगठनों के पदाधिकारी पैदल चल रहे थे. महिलाओं के हाथोें में राजमाता जिजाउ, अहिल्याबाई होलकर, रानी लक्ष्मीबाई, मातासाहब कोर, रानी सदाकौर ऐसे मातृशक्ति फलक लहरा रहे थे. इस यात्रा की अगुवाई पं.पू.राजेश्वर माउली सरकार, भक्तिशास्त्री आत्मतत्वदास महाराज मुंबई, कृष्णमोहनदास महाराज नाशिक, पीठाधीश्वर शक्ति महाराज डॉ. संतोषकुमार नवलानी, महंत मनमोहनदास त्यागी, सुश्री मंगलाश्री, भाईसाहब ओंकारसिंग, सचिनदेव महाराज, श्यामबाबा निचत, किराया ममत, गृहदीदी रेखा पाटिल, रामाश्रयी सुश्री रामप्रियाश्री, माधवदास महाराज केकतपुर, स्वामी सरस्वती भरतानंद महाराज, नीलेशचंद मुनी महाराज हैदराबाद, गौ विशेषज्ञ सुनील मानसिंगका देवलपार के साथ सांसद डॉ. अनिल बोंडे, पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, भाजपा पूर्व महानगर अध्यक्ष जयंत डेहनकर, निवेदिता चौधरी, राधा कुरील, सविता भागवत, जयश्री डहाके, पूर्व सांसद अनंत गुढे, प्रमेंद्र शर्मा, लविना हर्षे, पापा धोटे, गोपाल गुप्ता, अनिल साहू, संतोषसिंह गहरवार, सुरेखा लुंगारे, सुधीर बोपुलकर, ज्योति साहू, मोहन साहू, सारिका मिश्रा, तुषार भारतीय, कौशिक अग्रवाल, रोशनी वालके, अमित ठाकुर, दिनेश सिंह नठ्ठू महाराज, रुद्र मकवाने, निशादसिंह जोध, भरत शर्मा, दिलीप साहू, योगेश गुप्ता अयोध्यावासी, श्रीकिसन व्यास, राजू रायकवार, रमेश गोल्छा, आनंद सिकची, बल्लू छांगानी, कुशाल जोशी, सुरेश साहू, पुरुषोत्तम राठी, संजय श्रीवास, गोपाल राठी, माणक वैष्णव, राजू गुप्ता समेत बडी संख्या में गौवंशप्रेमी उपस्थित थे. किन्नरों के प्रतिनिधि भी गौवंश संरक्षण यात्रा में सहभागी हुए.
* अनुशासित तरीके से निकली यात्रा
संरक्षण यात्रा में बडी तादाद में नागरिक सहभागी हुए थे. बावजूद बडे ही अनुशासित तरीके से यात्रा गांधी चौक से इर्विन चौक पहुंची. यात्रा में शामिल नागरिकों में पानी, नाश्ते की व्यवस्था की गई थी. स्वयंसेवकों ने बडे ही नियोजित तरीके से इन जिम्मेदारियों का निर्वहन किया.
* महापुरुषोें के कटआउट
गौवंश संरक्षण यात्रा में शामिल अधिकांश युवाओं के हाथों में महापुरुषों के कटआउट दिखाई दिए. जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज, बिरसामुंडा, महाराणा प्रताप, राजा विक्रमादित्य महाराज, रणजीतसिंह आदि का समावेश था.
* इर्विन चौक पर समापन
संरक्षण यात्रा का इर्विन चौराहे पर समापन हुआ, जहां सभा आयोजित की गई. सभा में संत-मुनियों ने अपने आशीर्वचन के माध्यम से गौ का महत्व बताया और साथ ही यह पुरजोर मांग की कि देश में गौवंश हत्या बंदी कानून लागू हो. उसी प्रकार कानून का कडाई से पालन भी हो.
* भगवामय हुआ शहर
गौवंश संरक्षण यात्रा में शामिल युवाओं के हाथों में भगवा ध्वज व गले में भगवा दुपट्टा दिखाई दिया. इस यात्रा के कारण संपूर्ण शहर भगवामय हो उठा था. भारत माता की जय, वंदे मातरम जैसे नारे भी लगाए गए.