अमरावतीमहाराष्ट्र

125 वर्षों से भक्तों का श्रद्धास्थान है अंबापेठ का राम मंदिर

अमरावती/दि.5– स्थानीय अंबापेठ परिसर स्थित राम मंदिर विगत 125 वर्षों से भाविक श्रद्धालुओं की आस्था व श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है. जहां पर प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी श्रीराम नवमी उत्सव को धूमधाम से मनाने हेतु तमाम तैयारियां बडे ही जोरशोर के साथ चल रही है.
जानकारी के मुताबिक अमरावती सहित अकोला जिले में विख्यात रहनेवाले ख्यातनाम वकील एड. पांडुरंग गोविंदराम आलसी की पहचान प्रखर रामभक्त के रुप में हुई थी. जिन्होंने अपने मित्र परिवार के आग्रह पर अंबापेठ परिसर में राम मंदिर का निर्माण करवाया था और उस समय के कुलाचार्य चिंतमणी शास्त्री बेडेकर गुरुजी के हाथों मंदिर में भगवान श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण की मूर्तियां प्रतिष्ठित की गई थी. जो आज भी इस मंदिर के दैदिप्यमान इतिहास की साक्षी है. 125 वर्ष पुराने इस राम मंदिर में लकडी से भव्य सभामंडप का निर्माण किया गया था. जो आज भी सुस्थिति में है. सभामंडप के उपरी हिस्से में माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित की गई है. भाविक श्रद्धालुओं द्वारा इस मंदिर को बेहद जागृत देवस्थान माना जाता है. जहां पर प्रति वर्ष रामनवमी के पर्व पर शानदार उत्सव का आयोजन होता है और पूरे सालभर के दौरान मंदिर में भजन, कीर्तन व गोपालकाल जैसे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहता है.

* कई संत-महंतो ने दी है भेंट
जानकारी के मुताबिक अंबापेठ स्थित श्रीराम मंदिर को श्रीराम महाराज, गणेश शास्त्री द्रविड व धनंजय शास्त्री जैसे अनेकों संतो-महतों द्वारा भेंट दी गई है और अंबापेठ में स्थित इस राम मंदिर की पहचान शहर के प्रमुख देवस्थानों में से एक देवस्थान के तौर पर होती है. जिसकी पहचान आलसी का राम मंदिर के तौर भी है.

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