नहीं मिली एम्बुलेंस, पिता बस में ले गया मासूम की लाश
नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में हुई 42 दिन के बालक की मौत
* फिर मेलघाट के स्वास्थ्य सेवा की उजागर हुई पोल
अमरावती/ दि.10- चिखलदरा तहसील के धरमडोह में रहनेवाली 42 दिन के बालक को नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. इस दौरान उस बालक की मौत हो गई. परंतु उस मासूम की लाश गांव लाने के लिए नागपुर से एम्बुलेंस व शववाहिका नहीं मिली. जिससे पिता को मजबुरी में बच्चे की लाश बस के द्बारा अमरावती तक लाना पडा. यहां से टेंब्रुसोडा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की एम्बुलेंस द्बारा लाश गांव लेकर गए, ऐसी दुखद स्थिति का सामना उस पिता को करना पडा. इस घटना से फिर एक बार और मेलघाट के स्वास्थ्य सेवा की पोल उजागर हुई है.
कुछ दिन पूर्व ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने मेलघाट का दो दिवसीय दौरा किया था. उस समय उन्होंने मेलघाट के कुपोषण व बालमृत्यु रोकने के लिए मेलघाट में खासतौर पर स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति किए जाने की जानकारी दी थी. परंतु हकीकत में आज भी मेलघाट के आदिवासी बांधव को स्वास्थ्य सेवा का सही ढंग से लाभ नहीं मिल पा रहा है.
चिखलदरा तहसील के धरमडोह निवासी सरिता किशोर कासदेकर का 42 दिवसीय बालक कुपोषित होने के कारण उसे अचलपुर उपजिला अस्पताल से नागपुर के मेडिकल कॉलेज में ईलाज के लिए ले जाया गया था. करीब 18 दिन उस मासूम बालक पर नागपुर में ईलाज शुरू था. इस दौरान उस बालक की मौत हो गई. बालक की लाश अमरावती लाने के लिए माता-पिता ने एम्बुलेंस के बारे में पूछताछ की. मगर एम्बुलेंस नहीं मिली. निजी एम्बुलेंस के लिए 7 से 8 हजार रूपए वह दंपत्ति खर्च नहीं कर सकती थी. जिसके कारण मजबुरी में उस बालक के पिता किशोर कास्देकर ने अस्पताल से बालक की लाश ली और नागपुर एसटी बस डिपो पहुंचकर नागपुर से अमरावती तक बस में यात्रा की. इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिलते ही बालक को लेने के लिए चिखलदरा तहसील के टेब्रुसोडा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की एम्बुलेंस अमरावती भेजी गई. देर रात के समय उस बालक की लाश लेकर परिवार के सदस्य धरमडोह गांव पहुंचे. इस घटना से मेलघाट के स्वास्थ्य सेवा की फिर से पोल खुली है.