* स्वास्थ्य सेवा केवल दस्तावेजों तक सिमित
धारणी/ दि.1 – मेलघाट की स्वास्थ्य सेवा के नाम पर शासन से हर वर्ष लाखों रुपयों की निधि प्राप्त होती है, परंतु काम केवल दस्तावेजों पर ही देखने को मिलता है. ठेकेदारों के जेब गरम और मरीजों का बुरा हाल हो रहा है. तहसील के अति दुर्गम क्षेत्र धुलघाट रेलवे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एम्बुलेंस पूूरी तरह से भंगार हो गई है. कभी भी कही भी बंद हो जाती है. एम्बुलेंस को धक्का मारकर चालू किया जाता है. ऐसा नजारा कई बार देखने को मिला.
धुलघाट रेलवे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एम्बुलेंस क्रमांक एमएच 27/एए-5062 शाम के वक्त ले जाते समय अचानक बंद हो गई. उसे धक्का मारकर चालू किया गया, ऐसा दृश्य में स्पष्ट दिखाई दे रहा है. इस गंभीर समस्या को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आँख मुंदकर बैठे है. मेलघाट के रास्ते बहुत खराब है और अधिकांश मोडयुक्त घाट है. ऐसे में भंगार एम्बुलेंस उसके फिटनेस, इन्श्युरन्स, परमिट के साथ एम्बुलेंस के साथ में रहने वाली सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. एक तरह से मरीजों की जान के साथ खिलवाड किया जा रहा है.
एकतरफ शासन, प्रशासन, संस्थाएं, कुपोषण, बालमृत्यु, मातामृत्यु पर अंकुश लगाने के लिए युध्दस्तर पर काम कर रहे है. जैसा लगता है वैसा नियोजन किया जाता है. दूसरी तरफ एम्बुलेंस पर ध्यान नहीं देते हुए मेलघाट के आदिवासियों की जान के साथ खिलवाड हो रहा है. अतिदुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को जल्द से जल्द डॉक्टर के पास पहुंचाना जरुरी है. इसके लिए एम्बुलेंस सेवा काफी महत्वपूर्ण है. परंतु इसी महत्वपूर्ण चीज पर ध्यान न देते हुए खुलेआम मरीजों की जान से खेल रहे है. सबकुछ दिखने के बाद भी आँखे मुंदकर बैठे है. इस दिशा में वक्त रहते उचित कदम नहीं उठाया तो, जन आंदोलन छेडे जाने की चेतावनी मेलघाटवासियों ने दी.